उत्तराखंड : पूर्व IAS रामविलास की 14 दिन और बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत,जानिये क्यों..
उत्तराखंड : रिटायर्ड आईएएस रामविलास यादव की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार सेवानिवृत्त आइएएस राम बिलास यादव की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी गई है। विजिलेंस की टीम ने कोर्ट में पेश कर रामबिलास के बाहर जाकर गवाहों पर दबाव बनाने और जांच को प्रभावित करने की आशंका जताते हुए हिरासत बढ़ाने की पैरवी की।
बुधवार को पूर्व आइएसएस रामबिलास को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया। जिसमें टीम ने जांच में और समय लगने की बात कही गई।
कोर्ट के समक्ष विजिलेंस टीम ने रामबिलास को रिहा करने से जांच प्रभावित होने और गवाहों पर दबाव बनाए जाने की आशंका जताई। ऐसे में यादव को 14 दिन और न्यायिक हिरासत में रखे जाने की पैरवी की गई।
इस पर कोर्ट ने जांच टीम को हिरासत की अनुमति प्रदान कर दी। इससे पहले मंगलवार को विजिलेंस की टीम राम बिलास यादव को सुद्धोवाला जेल से बाहर लेकर आई थी और कोरोनेशन अस्पताल में उनका मेडिकल कराया था।
इसके बाद विजिलेंस मुख्यालय में दिनभर पूछताछ की गई। हालांकि, यादव की पत्नी और बच्चों नोटिस के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आए। ऐसे में पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल, विवेचक अनुषा बडोला सहित अन्य अधिकारियों ने पूछताछ जारी रखने के लिए हिरासत बढ़ाने की मांग की।
23 जून को किया गया था गिरफ्तार
उत्तराखंड शासन में अपर सचिव रहे राम बिलास यादव गत 30 जून को सेवानिवृत्त हुए थे, इससे पहले उनको निलंबित कर दिया गया था। उनके विरुद्ध आय से 522 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर विजिलेंस जांच कर रही है।
इसी 11 जून को विजिलेंस ने उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश में कई जगह छापेमारी कर राम बिलास की कई संपत्तियों से पर्दा उठाया था। इस मामले में राम बिलास जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।
ऐसे में हाई कोर्ट ने यादव को बयान दर्ज कराने के लिए विजिलेंस के समक्ष पेश होने का आदेश दिया। 23 जून 2022 को यादव विजिलेंस मुख्यालय पहुंचे, जहां कई घंटे की पूछताछ के बाद विजिलेंस ने देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
नोटिस गलत जगह भेजने पर आपत्ति
राम बिलास यादव के अधिवक्ता अविनाश शर्मा ने विजिलेंस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राम बिलास यादव की पत्नी को बुलाने के लिए नोटिस उनके आइएएस कालोनी स्थित घर पर चस्पा किए जा रहे हैं, जबकि वह लखनऊ में रहती हैं।
उन्हें कैसे पता चलेगा कि उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। जो नोटिस उन्हें मिले हैं उन सभी का जवाब दे दिया गया है। जल्द ही वह अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे।
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