हल्द्वानी में बेलगाम बदमाशी, होटल मैनेजर की निर्मम पिटाई_फरार आरोपी Cctv में कैद..

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काठगोदाम। हल्द्वानी-काठगोदाम इलाके में आपराधिक तत्वों का हौसला इतना बुलंद है कि कानून उनके आगे बेबस नजर आ रहा है। सड़कों पर पिटाई और बदमाशी के बाद अब इसी कड़ी में एक और शॉकिंग वारदात सामने आई है, जहाँ कथित तौर पर ताश खेलने के लिए होटल का कमरा मांगने वाले युवकों ने इनकार करने पर होटल के मैनेजर की बेल्ट और करंजे (कड़े) से बेरहमी से पिटाई कर दी। घटना वारदात होटल के सीसीटीवी कैमरे में कैद है, जो अपराधियों के दुस्साहस को बयां कर रहा है।

क्या हुआ था?

मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 की रात करीब साढ़े नौ बजे का वक्त। काठगोदाम से सटे गौलापार स्थित रॉयल स्पाइस होटल एंड रेस्टोरेंट में कुछ युवकों का जत्था पहुंचा। इस ग्रुप में करण नौला, गौरव रावत, दीपांशु मेहरा और उनके अन्य साथी शामिल थे। उन्होंने होटल में एक कमरे की मांग की।

नियमों की अनदेखी और फिर उत्पात

जब होटल के मैनेजर रमेश चंद्र ने स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत कमरे के इस्तेमाल का उद्देश्य पूछा, तो युवकों ने साफ-साफ बता दिया कि वे ‘ताश खेलने’ के लिए जगह चाहते हैं। होटल के नियमों के विरुद्ध ऐसी गतिविधि की अनुमति देने से मैनेजर ने स्पष्ट इनकार कर दिया। यही इनकार आग का गोला बन गया। युवक भड़क उठे और उन्होंने रमेश चंद्र से जमकर झगड़ा किया।

बेल्ट और करंजे से किया लहूलुहान

झगड़े ने जल्द ही एक हैवानियत वाली वारदात का रूप ले लिया। आरोपियों ने अपनी बेल्ट और हाथों में पहने कड़े (करंजे) को हथियार बना लिया और मैनेजर रमेश चंद्र पर टूट पड़े। निर्मम हमले में उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया, जिससे पूरा मंजर लहूलुहान हो गया। बीच-बचाव के लिए पहुंचे अन्य लोगों को भी इन युवकों ने धमकियाँ दीं, और इसके बाद वे मौके से फरार हो गए।

घायल मैनेजर रमेश चंद्र को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्होंने काठगोदाम थाना पुलिस को एक तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ प्राणघातक हमला, धमकी और मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में कार्रवाई की मांग की है।

घटना की सूचना मिलते ही काठगोदाम थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मारपीट की घटना का पूरा दृश्य होटल के सीसीटीवी कैमरों में साफ-साफ कैद है। इस फुटेज के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और अब उनकी तलाश जारी है।

मैनेजर रमेश चंद्र ने न सिर्फ आरोपियों की गिरफ्तारी, बल्कि भविष्य में होटल कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस सहायता की भी मांग की है।

यह घटना हल्द्वानी-काठगोदाम में बढ़ रही अपराधिक मनोवृत्ति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। सवाल यह है कि क्या नियमों का पालन करवाने वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं बनती? सीसीटीवी फुटेज और स्पष्ट पहचान के बावजूद अगर आरोपी फरार हैं, तो क्या यह कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता पैदा नहीं करता?

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