पेपर लीक मामले में अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर भी जांच घूम गई है। शासन ने आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी और तीन अनुभाग अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। इस बाबत शनिवार को अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन सिंह रयाल ने आदेश जारी किए हैं।
22 जुलाई को स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। 25 जुलाई से गिरफ्तारियों का दौर शुरू हुआ, जो अभी जारी है। अब तक 37 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें आयोग के पूर्व और वर्तमान अफसरों की भूमिका की तरफ शक तो जाता था, लेकिन एसटीएफ को साक्ष्य नहीं मिल पा रहे थे।
ऐसे में पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय ने आयोग के अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश के लिए शासन को पत्र लिखा था। इस क्रम में शनिवार को विधिवत आदेश हो गए हैं। अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन रयाल ने विजिलेंस को जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
जांच के दायरे में पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी, उनकी सेवानिवृत्ति के बाद प्रभार संभाल रहे पूर्व सचिव संतोष बडोनी, अनुभाग अधिकारी (गोपन) बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी और कैलाश नैनवाल आएंगे। इस संबंध में जल्द ही विजिलेंस टीम बनाकर जांच शुरू कर देगी। आयोग के सचिव रहे संतोष बडोनी को पिछले दिनों निलंबित कर दिया गया था।
दरोगा भर्ती की शुरू हो चुकी है जांच
स्नातक स्तरीय परीक्षा में धांधली की जांच के दौरान दर्जनों भर्तियों में घपले की बात सामने आई थी। इनमें से एक 2015 में सीधी दरोगा भर्ती। इसके लिए भी पुलिस मुख्यालय ने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। पिछले दिनों शासन से आदेश हो गए थे। निदेशक विजिलेंस अमित सिन्हा का कहना है कि देहरादून सेक्टर में इस मामले की जांच शुरू कर दी गई हैं। टीमों बनाकर अब पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।
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