उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने चमोली के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनन्जय चतुर्वेदी को निलंबित कर उन्हें चंपावत जिला न्यायालय से सम्बद्ध कर दिया है। धनन्जय चतुर्वेदी पर उनके पद के खिलाफ आचरण करने का आरोप है।
उन्हें 14 अप्रैल 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उनपर गवाही के दौरान डायस पर मौजूद नहीं होने का भी आरोप है ।
बीती 24 जुलाई को उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जर्नल अनुज संगल की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि न्यायाधीश धनजंय चतुर्वेदी कोर्ट में गवाही के दौरान अनुपस्थिति थे और गवाही की वीडियो रिकार्डिंग हुई। धनंजय, इस बात का जवाब नहीं दे सके कि न्यायालय की वीडियो क्लिप रिकॉर्डिंग किसने की और क्यों करी है ?
इस मामले में उच्च न्यायालय को शिकायत के साथ वीडियो-क्लिपिंग भी भेजी गई थी, जिसमें साक्ष्य रिकॉर्ड किया जा रहा था और-पीठासीन अधिकारी, अदालत में मौजूद नहीं थे। उच्च न्यायालय ने धनंजय चतुर्वेदी के खिलाफ आरोपपत्र जारी करके उत्तराखंड सरकारी सेवक(अनुशासन और अपील)नियम, 2003 के नियम 7 के तहत उनके खिलाफ नियमित जांच शुरू की है। अपने निलंबन के दौरान, धनंजय चतुर्वेदी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, चंपावत के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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