उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूरे उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरो और कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व में न्यायालय से जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर जिलाधिकारी नैनीताल को 12 मई शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ को आज याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अवगत कराया कि न्यायालय के पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा। इसके चलते हल्द्वानी में कुत्तों के काटने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि मार्च माह के एक सप्ताह के भीतर नैनीताल में 45 लोगों को आवारा कुत्तों ने काट लिया था। पिछले कुछ सालों में प्रदेश में आवारा कुत्तों ने करीब 40 हजार लोगों को काट लिया। जिसपर न्यायालय ने जिलाधिकारी को तलब किया है।
मामले के अनुसार नैनीताल निवासी गिरीश चन्द्र खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। वो अभी तक सैकड़ों लोगो को काट चुके है। जबकि कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था, बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है।याचिकाकर्ता ने बंदरो और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगायी है। मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने 12 मई की तिथि नियत की है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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