विजिलेंस को मिली परमीशन, IFS अफसरों के ख़िलाफ़ दर्ज होगा मुकदमा..

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उत्तराखंड : कार्बेट नेशनल पार्क में हुए अतिक्रमण में अधिकारियों के खिलाफ मिले पुख्ता सबूतों को तथ्य बना कर अपनी रिपोर्ट विजिलेंस ने शासन को सौंप दी थी।अब पाखरी टाइगर सफारी मामले में विजिलेंस रविवार या सोमवार को तीन आईएफएस सहित कुछ वन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमे की अनुमति विजिलेंस को दे दी।

पूर्व IFS किशनचंद समेत कई वन अफसरों पर दर्ज होंगे केस।

पाखरी टाइगर सफारी मामले में विजिलेंस तीन आईएफएस सहित कुछ वन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सकती है। सरकार ने शनिवार को इनके खिलाफ मुकदमे की अनुमति विजिलेंस को दे दी। सूत्रों के अनुसार इसमें पूर्व आईएफएस किशनचंद सहित करीब छह-सात वन अफसर और कर्मचारी भी शामिल होंगे।

एफआईआर विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी में दर्ज होगी। जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित कुछ अन्य धाराएं भी लगेंगी। कुछ लोगों को सह अभियुक्त भी बनाने की तैयारी है। विजिलेंस ने दो अगस्त को जांच पूरी कर मुकदमे की अनुमति के लिए सरकार को फाइल भेजी थी।

जिस पर सरकार ने भी तेजी दिखाते हुए ही अनुमति दे दी। विजिलेंस जांच में भ्रष्टाचार, सरकारी धन के दुरुपयोग और अवैध निर्माण सहित कई आरोप सही पाए गए हैं। अब मुकदमे के बाद इसकी विस्तृत जांच होगी। निदेशक विजिलेंस अमित सिन्हा ने अनुमति मिलने की पुष्टि की है।

क्या है मामला

कार्बेट के पाखरो में करीब 105 हेक्टेयर में टाइगर सफारी बननी है। जिसमें पिछले साल लगभग सारा काम हो गया। लेकिन बाद में इसमें बिना अनुमति और वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन के खर्च का आरोप लगा। शासन ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक कृत्य मानते हुए इसकी जांच विजिलेंस को सौंप दी थी।

विजिलेंस ने जांच के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिमसें तीन वरिष्ठ आईएफएस सहित कुछ अन्य वन अधिकारी व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और सरकारी धन का गबन सहित कई गंभीर आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए थे। जिसके बाद विजिलेंस ने इस मामले में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी।

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