Nainital : शेरवुड में जुटे देश के टॉप प्रिंसिपल्स, ‘परफेक्ट लीडरशिप’ पर हुआ मंथन..


उत्तराखण्ड में नैनीताल के विश्व विख्यात शेरवुड कॉलेज में आज देशभर के प्रमुख स्कूलों के प्रिंसिपल व हैड ऑफ डिपार्टमेंट एकत्रित हुए और परफेक्ट लीडरशिप को लेकर चर्चा की। तीन दिनों तक चलने वाले इस सेमिनार में देशभर से लगभग 40 शिक्षाविद जुड़े है।
नैनीताल के शेरवुड कॉलेज सभागार में शिक्षा में विश्व के एक सबसे बड़े ओलंपियाड दिल्ली की सिल्वरजोन फाउंडेशन ने सेमिनार को अय्योजित किया। आयोजक पंकज गहलोत ने सभी का सदस्यों का स्वागत किया। स्कूली शिक्षा में चुनौतियों, छात्र छात्राओं के करिक्युलम बदलाव, तकनीक का शिक्षा में इस्तेमाल आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित इस सेमिनार में कल सदस्य भीमताल के चांफी में योगा व अन्य एक्टिविटी करेंगे।
आज मंच संभालते हुए शेरवुड के प्रिंसिपल अमनदीप संधू ने कहा कि टीचर छात्र संवाद एक तरफा ट्रैफिक नहीं है, इसमें दोनों लोग हर रोज सीखते हैं, हालांकि होस्टल के मामले में थोड़ा सा अलग होता है। छात्र छात्राएं हमारी फैमिली बन जाते हैं। लीडर का एक गलत कॉन्सेप्ट है, लीडर कौन है ?
नेता मोहल्ले के कुर्ते वाले व्यक्ति को नेता कहते हैं क्या ? लीडर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो इंफ्लून्स, मोटिवेट, इंफ्यूसिस, इम्प्लांट कर किसी काम का मकसद तय करता है। इसी बात पर आज हम चर्चा करेंगे। देश ने शिक्षक के रूप में आपको एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सामान बनने के बाद एक बार खराब हुआ तो दोबारा बन जाता है, लेकिन आप(टीचर) गलती नहीं कर सकते क्योंकि आपको कक्षा में 60 आंखें देख रही हैं।
आपको परफेक्ट होना होगा, वैसे ही लीडर को भी परफेक्ट होना होगा। हम राष्ट्र निर्माता हैं। अगर जहाज डूबता है तो कैप्टेन उसे छोड़कर नहीं भाग सकता, उसे अन्त तक उसमें ही रहना होता है। हर ग्रुप में 100 में से 20 लोग काम करने वाले होते हैं और 80 नहीं करने वाले होते हैं, लेकिन आपको एक सफल लीडर बन 20 की जगह 80 लोगों को काम करने वाला बनाना है।
छात्रों के मन में ‘My book and my teacher’ हुआ करता था, जिसमें बुक से ज्यादा टीचर पर विश्वास किया जाता था। आपको अपनी एक टीम बनानी होगी और अपना विजन उन्हें समझाना होगा।
आपको किसी के भी आपत्तिजनक कृत्य पर तत्काल रिएक्ट करना चाहिए। आप उन्हें टोकें, क्योंकि आप पर कई नजरें होंगी। स्टाफ के लिए कोचिंग होनी अनिवार्य है जिसमें लीडरशिप नेतृत्व, विशनरी दूरदर्शी, एबल एडमिनिस्ट्रेटर प्रशासक, वैल कॉम्युनिकेटेड संपर्क, भरोसा, सम्मान और विश्वास बनाया जाए।
इस सेमिनार में आगरा के सैंट कोनरॉड्स इंटर कॉलेज के अनुराग सिंह, दिल्ली के विद्या बाल भवन पब्लिक स्कूल से रोहित शर्मा, सिकंदराबाद की आर.के.इंटरनेशनल अकेडमी से योगेश कुमार, गुरुग्राम के रामा कृष्णा पब्लिक स्कूल से कल्पना राघव, मोदीनगर के सैंट टेरेसा अकेडमी से सिस्टर लॉवर्ड, पैन इंडिया की हर्मन माइनर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन से देबारोती बोस।
गाज़ियाबाद के ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल से प्रवीण त्यागी, मेरठ के दयावती मोदी अकेडमी से राणा, नोएडा के मयूर स्कूल से एस.एस.शिशोदिया, रुद्रपुर के भारतीय इंटरनेशनल स्कूल की रश्मि आनंद, हल्द्वानी के इंस्पिरेशन पब्लिक स्कूल से अनुराग माथुर, नैनीताल में एल.पी.एस.के प्रधानाचार्य भुवन त्रिपाठी।
सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के कैप्टन डंगवाल, ऑल सेंटस कॉलेज की एंजिला रिचर्ड, बिड़ला विद्या मंदिर के प्रिंसिपल अनिल शर्मा समेत देशभर के 25 बड़े स्कूलों के हेड ऑफ डिपार्टमेंट व प्रिंसिपल मौजूद रहे।
बात दें कि प्रिंसिपल अमनदीप संधू ने वर्ष 2004 में 15वें प्रिन्सिपल के रूप में कार्यभार संभाला था।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती


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