उत्तराखण्ड में नैनीताल की सफाई देखने के लिए आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी के निर्देशन में हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल कूड़ा सफाई की जांच करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण का एक मैकेनिज्म होना चाहिए, जिससे सफाई में आसानी हो। उन्होंने कहा कि इस पर्यटन नगरी में भीड़ भाड़ के दौरान बार बार कूड़ा एकत्रित हो जाता है। उसकी जड़ से सफाई के लिए एक सटीक प्लान बनाने की जरूरत है।
पब्लिक की तरफ से उन्हें आईडिया देते हुए बताया गया कि नैनीताल के कैचमेंट से नैनीझील में गिरने वाले कुल 62 नालों में से कुछ ही ऐसे नाले हैं जो रिहायशी क्षेत्र और पर्यटन स्थलों से होकर गुजरते हैं। इनमें से भी कुछ नालों में से कूड़ा और मलुवा(सिल्ट)झील तक पहुंचता है।
ऐसे में ब्रिटिशकाल में बनाए गए इन नालों के कैचपिट दोबारा शुरू करने होंगे। वहां जमा होने वाले कूड़े और मलुवे को समय समय पर साफ करना होगा। इसके साथ ही संबंधित विभाग को कूड़ा फैला रहे लोगों के चालान कर सबक सिखाना होगा। इसपर रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल ने जिलाधिकारी वंदना सिंह, ए.डी.एम.अशोक जोशी, एस.डी.एम.राहुल साह और ई.ओ.आलोक उनियाल से इस प्लान पर गौर करने को कहा।
दरअसल बीती 18 जून को मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायधीषों ने नैनीताल में कूड़ा निस्तारण को लेकर एक राज्यव्यापी सफाई अभियान चलाया था। इसमें मुख्य न्यायाधीश ने जिलाधिकारी से बन्द नालियों की सफाई कर उन्हें खोलने को कहा था। आज मुख्य न्यायाधीश की तरफ से रजिस्ट्रार जर्नल दलबल के साथ सफाई व्यवस्था देखने पहुंचे। उन्हें नालियों में सफाई तो मिली, लेकिन उन्होंने परमानेंट सफाई व्यवस्था बनाने का इशारा किया।
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