नैनीताल- ज़ू के दो बाघों को अति गोपनीय तरीके से जामनगर भेजने पर उठे सवाल, न मीडिया न फ़ोटो और न वीडियो…

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उत्तराखंड में नैनीताल के पंडित गोविंद बल्लभ पन्त उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान के दो वयस्क बाघों को गुजरात के जामनगर में बन रहे प्राइवेट ज़ू को चुपके चुपके दे दिया है । ज़ू के डायरेक्टर का कहना है कि बाघ बेताल और तीन वर्षीय बाघिन शिखा का जोड़ा अब ग्रीन जुओलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर की शान बढ़ाएंगे। हैरानी की बात ये हैं कि ज़ू प्रबंधन ने मीडिया से छुपाकर इस घटना को गोपनीय तरीके से अंजाम दिया ।


नैनीताल की उत्तरी पहाड़ी श्रृंखलाओं में बने उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान ने एक बाघ और एक बाघिन को जामनगर स्थानांतरित कर दिया है। दोनों बाघ जामनगर के ग्रीन जुओलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर पहुंचाएजा रहे हैं। नैनीताल ज़ू के चिकित्सक ने जांच के बाद 15 वर्षीय बेताल और रानीबाग रेस्क्यू सेंटर में रखी 3 साल की बाघिन शिखा को जामनगर से आई टीम को सौंप दिया है।


नैनीताल के डी.एफ.ओ.और ज़ू के निदेशक चंद्र शेखर जोशी ने बताया कि जनवरी 2022 में नैनीताल ज़ू के साथ केंद्रीय ज़ू अथॉरिटी को ग्रीन जूओलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर से बाघ के लिए प्रस्ताव आया था। मई माह में सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी द्वारा रेस्क्यू किये गए बाघों के ही स्थानांतरण के लिए नैनीताल ज़ू को अनुमति गई ।

ज़ू प्रबंधन ने समीपवर्तीय क्षेत्रों से रेस्क्यू किये गए एक बाघ और एक बाघिन के स्थानांतरण के लिए प्रस्ताव भेजा। बताया कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन द्वारा ट्रांसपोर्ट की अनुमति के बाद बाघो का पुनर्वास किया गया। डी.एफ.ओ. ने ये भी बताया कि नैनीताल ज़ू में अब दो बाघिन और एक बाघ रह गए है।


नैनीताल के ज़ू से देर शाम दो बाघों को स्थानांतरित करने और मामले को मीडिया की नजर से बचने के मामले में ज़ू प्रबंधन समेत वनविभाग पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं । विभाग के अनुसार इस ऐतिहासिक घटना की कोई फ़ोटो और वीडियो भी नहीं बनाई गई है ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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