हाईकोर्ट ने बद्रीनाथ मंदिर कमेटी के अधिकार मामले में सरकार से मांगा जवाब

ख़बर शेयर करें

www. gkmnews

ख़बर शेयर करें

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने बद्रीनाथ मंदिर कमिटी के नियमविरुद्ध मंदिर का अधिकार पंचायत को देने के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा और नहीं देने पर सी.एस.और सचिव संस्कृति को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने को कहा है।


हरिद्वार निवासी याचिकाकर्ता राकेश कौशिक ने वर्ष 2018 में याचिका दाखिल कर बद्रीनाथ मंदिर कमिटी के एक कदम को उजागर किया था। उन्होंने न्यायालय से मंदिर में चल रहे गोरखधंधे के बारे में कहा था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गोपाल के वर्मा ने बताया कि उनका आरोप था कि बद्रीनाथ मंदिर कमिटी ने उनके अधीन आने वाले महादेवी मंदिर को ₹35,000/= में डिमरी पंचायत को दे दिया। गोपाल ने बताया कि एक्ट के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर कमिटी की एक हजार से ऊपर कीमत वाली किसी भी वस्तु या सम्पत्ति के हस्तांतरण से पहले राज्य सरकार से अनुमाती ली जानी अनिवार्य है। बताया की इस मामले में सरकार ने कोई अनुमाती नहीं दी है, जबकि बद्रीनाथ मंदिर कमिटी ने बिना अनुमाती के ही मंदिर से चढ़ावे की वसूली की जिम्मेदारी डिमरी पंचायत को सौंप दी है।

ये भी आरोप लगाए गए कि पांच वर्ष बीतने के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक न्यायालय में अपना पक्ष नहीं रखा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इसपर नाराजगी जताते हुए सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने की स्थिति में प्रदेश के मुख्य सचिव और सचिव संस्कृति को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने को कहा है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *