हाईकोर्ट ने नैनीताल के हनुमानगढ़ तक ट्रॉली लगाने संबंधी पी.आई.एल.में एन.एच.ए.आई. से तलब की प्रोजेक्ट रिपोर्ट..

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नैनीताल :- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आज रानीबाग से नैनीताल तक ट्रॉली लगाने के मामले में कमजोर हनुमानगढ़ पहाड़ी पर ट्रॉली का ऊपरी टावर लगाने का विरोध संबंधी जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एन.एच.ए.आई.)से अपने आगामी प्लान को एफिडेविट के माध्यम से न्यायालय में देने को कहा है ।
उच्च न्यायालय में नैनीताल निवासी पर्यावरणविद अजय रावत ने वर्ष 2019 में एक जनहित याचिका लगाकर सरकार के उस कदम का विरोध किया था जिसमें सरकार ने नैनीताल में ट्रैफिक कम करने के लिए रानीबाग से हनुमानगढ़ तक ट्रॉली लगाने का प्रोजेक्ट बनाया था । याचिकाकर्ता ने कहा था कि इस ट्रॉली के टावर को हनुमानगढ़ की जगह कहीं दूसरी जगह लगा लो क्योंकि ये पहाड़ी बहुत कमजोर हैं । न्यायालय ने इसमें एन.एच.ए.आई.का अहम रोल देखते हुए उनसे कुछ जानकारी मांगी । इसकी सूचना पर एन.एच.ए.आई.ने कहा कि उनका तो पहले से हो दूसरा पीलन बना है जिसमे उन्होंने पॉइंट जीरो से अंतिम टावर तक खुद नया सर्वे कराने की बात कही । अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने बताया कि आज रानीबाग नैनीताल रोपवे के हनुमानगढ़ में प्रस्तावित टावर का विरोध करती जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एन.एच.ए.आई.ने कहा कि वो इस प्रोजेक्ट को पहले से ही कर रहे हैं । एन.एच.ए.आई.ने जर्मन औरट्रेलियन कंस्लटेंसी से इसका सर्वे करने को कहा है । इसके अनुसार 11 से 12 किलोमीटर की ट्रॉली लगाने के पिछले प्रोजेक्ट में अब कुछ नहीं होगा और 500 से 550 करोड़ के उस प्रोजेक्ट की जगह नया प्रोजेक्ट बनाया जाएगा । कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ ने एन.एच.ए.आई.की नैशनल हाइवे लोजिस्टिकस पब्लिक लिमिटेड को अपनी कार्यवाही संबंधी काउंटकर एफिडेविट देने को कहा है । मामले में अगली सुनवाई 15 जून को होनी तय हुई है ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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