
उच्च न्यायालय ने पॉल्यूशन बोर्ड के प्रदेश की प्लास्टिक यूज़ से संबंधित 1700 से अधिक फैक्ट्रियों में तालाबंदी के आदेश को स्थगित करते हुए 20 दिसंबर तक बंदी से मुक्त कर दिया है।
उच्च न्यायालय में आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के सामने प्रदेश की फैक्ट्रियों में प्लास्टिक निर्माण और इस्तेमाल को लेकर पी.आई.एल.पर सुनवाई हुई। इस कार्यवाही में प्रदूषण बोर्ड के 2 दिसंबर 2022 के 1700 से अधिक फैक्ट्री बंदी के आदेश पर भी सुनवाई हुई।
पॉल्यूशन बोर्ड के अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि जितेंद्र यादव की जनहित याचिका में सुनवाई की गई। इसमें प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के आधार पर पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट ने 7 जुलाई 2022 से लगातार इसके खिलाफ निर्देश करते हुए प्लास्टिक निर्माताओं को सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पास पंजीकरण कराना और राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में एक्शन प्लान पेश करना अनिवार्य कर दिया था।
बीती 2 दिसंबर 2022 को राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कंप्लायंस कर आदेश पारित कर प्लास्टिक से संबंधित फैक्ट्रियों की सहमति वापस कर दी थी। इस जनहित याचिका में 20 तारीख को बहस होनी है, जिसके कारण न्यायालय ने तबतक बोर्ड के 2 दिसंबर के आदेश को स्थगित रखा है। बताया कि इसका प्रचार प्रसार कर संबंधित अधिकारियों को भी सूचना पहुंचानी अनिवार्य की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती


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