उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून में सौंग की सहायक दुल्हनी नदी में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड, राज्य सरकार, राज्य पर्यवारण बोर्ड, सचिव शहरी विकास और पेयजल निगम को नोटिस जारी करते हुए 21 नवम्बर से पहले जवाब देने को कहा है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 21 नवम्बर को तय की है।
मामले के अनुसार पिंडर वैली निवासी देवेंद्र प्रसाद घिल्डियाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार सौंग की सहायक दुल्हनी नदी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रही है। जबकि इस नदी का पानी गंगा नदी में जाता है । इसमे हमेशा पानी रहता है और क्षेत्र के लोग इस पानी का स्तेमाल पीने के लिए करते आ रहे है। पहले से ही इस नदी में दून वैली डिस्टलरी का गंदा पानी बहाया जा रहा है।
इसके लगने से डायरिया, हैजा सहित कई बीमारियां होंगी। क्षेत्रवासियों ने कई प्रत्यावेदन इसके बारे में प्रशासन को दिए परन्तु कोई सुनवाई नही हुई। उल्टा शहरी विकास और पेयजल निगम ने एक रिपोर्ट पेश कर कह दिया कि क्षेत्रवासीयों ने इसके लिए अपनी सहमती दे दी है। जनहित याचिका में एस.टी.पी.प्लांट को इस स्थान से कहीं अन्य सुनिश्चित स्थान पर लगाने की मांग की है।
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