हाईकोर्ट ने सरकार व नगर निगम से किया जवाब तलब,कहां लगेगा मछली बाज़ार
नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को हल्द्वानी में नगर निगम द्वारा मछली बाजार में अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने नगर निगम व सरकार से छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने निगम व सरकार से पूछा है कि मछली बाजार व अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित किया जा सकता है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मछली बाजार में सरकार की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। प्रशासन व नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए 31 मार्च को नोटिस जारी किया था। यह भी कहा था कि जिन अतिक्रमणकारियों के पास वैध लाइसेंस है वह अपने लाइसेंस दिखाकर अपना पक्ष रखें। निर्धारित समय में अतिक्रमणकारियों की ओर से कोई सबूत पेश नहीं किया गया। इसलिए प्रशासन ने सरकारी भूमि पर जमे अतिक्रमण को हटा दिया।
ये है मामला
हल्द्वानी निवासी विजय पाल सिंह व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि वह 1960 से उक्त स्थान पर मीट का कारोबार करते आए हैं। निगम ने लाइसेंस भी दिया हुआ है। हल्द्वानी जब नगर पालिका थी उस समय चोरगलिया व रामपुर रोड में दो मीट मार्केट बनाई थीं, जिसका संचालन पालिका करती थी। नगर निगम बनने के बाद वहां पक्की दुकानें बनाकर अन्य को दे दी गईं। इसके बाद मीट कारोबारियों को मछली बाजार शिफ्ट कर दिया गया। तब से वह इस स्थान पर मीट का कारोबार करते आ रहे हैं। निगम ने उन्हें 31 मार्च को नोटिस दिया और 4 अप्रैल को ध्वस्तीकरण के आदेश दे दिए। उन्हें सुनवाई के लिए मौका तक नहीं दिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है जब तक उन्हें अन्य जगह विस्थापित नहीं किया जाता तब तक उन्हें इस क्षेत्र में कारोबार करने की अनुमति प्रदान की जाए। याचिका में सेक्रेटरी अर्बन डेवलपमेंट उत्तराखंड सरकार, कलेक्टर नैनीताल, एसडीएम हल्द्वानी, एसएसपी नैनीताल व एसएचओ हल्द्वानी को पक्षकार बनाया गया है।
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