उत्तराखंड : एक के बाद एक कई घोटालों के बाद अब पटवारी पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश में कांग्रेसी प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ कहीं धरना प्रदर्शन और मौन उपवास के ज़रिये विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश में लगा है।
लेकिन इसी बीच राज्य में धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए दरोगा भर्ती घोटाले की बिजलेंस जांच के बीच 20 दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है।जिसके बाद अब भर्तियों पर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए भाजपा ने कहा कि एक ओर सरकार युवाओं के हक पर डाका डालने वाले भ्रष्टाचारियों को जेल भेज रही है और दूसरी ओर कांग्रेस विरोध उपवास कर मातम मना रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि वह सरकार के कदम का विरोध कर रही है या भ्रष्टाचारियों का समर्थन। उन्होंने कहा कि धामी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही भी कर रही है और पारदर्शिता के साथ समय पर परीक्षाएं भी आयोजित हों इसे लेकर भी सजग है। परीक्षाएं पारदर्शी हो और समय पर हो सरकार इसके लिए वातावरण बना रही है। इससे युवाओं मे विश्वास और उत्साह का भाव भी जागेगा जो कि जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूर्व मे हुई परीक्षाएं किस तरह हुई उसके नतीजे सामने है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार को लेकर व्या्ख्यान नही, बल्कि कॉंग्रेस के लगाये भ्रष्टाचार के पेड़ को जड़ से उखाड़ने का काम कर रहे हैं ।
भट्ट ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों मे घपलों को दबाने और उन्हे प्रश्रय देने की प्रवृति रही है। 2002 में दरोगा भर्ती घोटाला हुआ। कांग्रेस ने खुद जांच नहीं बैठाई। जब असफल हुए अभ्यर्थियों ने सूचना अधिकार में जानकारी जुटाई और हाईकोर्ट में अपील की, तो सीबीआई जांच हुई। सीधे तत्कालीन डीजीपी पीडी रतूड़ी और एडीजी राकेश मित्तल की संलिप्तता पाई गई। उसी दौरान मंडी परिषद में हुई भर्तियों घोटाले हुए। 2012 से 2017 के बीच कांग्रेस सरकार में एक के बाद एक भर्ती घोटाले हुए।2015 में फिर दरोगा भर्ती घोटाला किया गया। कोई जांच और कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए हर भर्ती में घोटाला किया। कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
भाजपा की धामी सरकार ने 2015 के कांग्रेस सरकार में हुए भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया।अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में 50 से अधिक लोगों को जेल भेजा। अब कांग्रेस शासन में हुए भर्ती घोटाले की कलई खुलने लगी है तो असहज कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर युवाओं को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत साफ है और जनता सब जानती है। कांग्रेस खुद पर आंच आते ही बौखला गयी है और उसके धरने, प्रदर्शन तथा उपवास उसी की परिणिति है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान सामने आने के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया
राज्य की भर्ती परीक्षाओं में चल रहे प्रचंड भ्रष्टाचार और घोटाले की भेंट चढ़ रहे उत्तराखंड के युवाओं की दशा और दिशा पर उत्तराखंड कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
दसोनी ने कहा कि आज इन युवाओं का सामना करने के लिए हिम्मत ही नहीं हो रही है। दसौनी ने कहा कि इन युवाओं की मनः स्थिति इतनी विकट चल रही है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
दसौनी ने कहा की घायल की गति घायल जाने और न जाने कोई यही बात उत्तराखंड के युवाओं पर लागू होती है।उनकी हालत और हताशा का अंदाजा भी शायद सत्ता में बैठे हुक्मरानों को ना हो पा रहा हो।
आज उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य घोर अंधकारमय हो चुका है, जहां उन्हें रोशनी का कोई सुराख तक नजर नहीं आ रहा।
दसोनी ने कहा कि भाजपा की शुरुआत से ही यही मोड्स ऑपरेंडी रही है कि जब जब उसकी भ्रष्टाचार को लेकर किरकिरी होती है या वह किसी मुद्दे पर चौतरफा घिरने लगती है तो वह कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हैं।
दसोनी ने कहा इससे पहले भी यूकेट्रिपल एससी मामले में जैसे ही राज्य सरकार की राष्ट्रीय पटल पर बुरी तरह फजीहत हुई और एक के बाद एक भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी होने लगी तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने षड्यंत्र के तहत विधानसभा बैक डोर नियुक्तियों में जांच की बात कहकर विधानसभा कर्मियों को बलि का बकरा बना डाला।
दसौनी के अनुसार एक बार फिर भाजपा वही कर रही है ,पटवारी लेखपाल भर्ती लीक मामले में जिस तरह से भाजपा सरकार पूरी तरह निर्वस्त्र हो चुकी है और उसकी भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया से आम जनमानस का भरोसा पूरी तरह से राज्य सरकार से उठ चुका है ऐसे में इसीलिए प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए वह दरोगा भर्ती घोटाले को सामने ला रही है ताकि लोगों का ध्यान पटवारी लेखपाल भर्ती लीक से हट सके ।
दसोनी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पिछले 6 सालों से सत्तासीन होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम क्यों किया?? यदि भाजपा नेतृत्व को पता चल गया था कि कांग्रेस के कार्यकाल में दरोगा भर्ती घोटाला हुआ है तो 6 साल तक आखिर किस अदृश्य शक्ति ने उन्हें यह खुलासा करने के लिए रोका हुआ था ?दसोनी ने दरोगा भर्ती घोटाले के खुलासे की टाइमिंग को लेकर भी प्रश्नचिन्ह उठाया ।
दसोनी ने कहा की यह बदले की भावना से कि गई कार्रवाई है और भारतीय जनता पार्टी को चाहिए कि वह पिछले 22 सालों में राज्य के अंदर हुई सभी भर्तियों की सीबीआई जांच कराएं।
दसोनी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दरोगा भर्ती में भी यदि कोई संलिप्त है तो उस पर कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ।
दसौनी ने कहा की यह भी पता लगाया जाना चाहिए की उस कार्यकाल में डीजीपी कौन था डीजी लॉ एंड ऑर्डर कौन था क्योंकि उन्हीं की देखरेख में दरोगा भर्ती कराई गई थी।
दसोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पहले तो भर्ती परीक्षाएं होती नहीं है होती है तो शत-प्रतिशत भर्ती परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार होता है ।ऐसे में प्रदेश के युवाओं का भरोसा जिस तरह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग से खत्म हो रहा है वह बहुत ही चिंतनीय है।
दसवानी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि जल्दबाजी ना दिखाते हुए तसल्ली से पहले की भर्ती परीक्षाओं में हुए गड़बड़ियों की जांच कराएं और निकट भविष्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं को स्थगित करते हुए नई methodolgy से प्रश्न पत्र तैयार कर नई तारीख में पीसीएस मैंस तथा दूसरी परीक्षाएं कराएं।
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