उत्तराखंड के नैनीताल में इन दिनों हर जगह रामलीला की तालीम चल रही है। रामसेवक सभा में तो छोटे छोटे बच्चे भी रामलीला के मंचन की तालीम में दिल लगाकर जुटे हैं। पारसी थियेटर की विलुप शैली अब केवल नैनीताल में ही दिखती है।
श्राद पक्ष के 14 अक्टूबर को खत्म होते ही नवरात्रों शुरू हो जाएंगी और इसके साथ ही रामलीला का पाठ भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए कलाकार कई महीनों से तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे ही एक वरिष्ठ कलाकार मिथिलेश पांडे ने नए कलाकार बच्चों को पिछले तीन महीनों से लगातार रामलीला की तालीम दी है।
मिथिलेश खुद भी बीते 40 वर्षों से मेघनाथ का पाठ कर रहें है। मिथिलेश के अनुसार उनकी व्यस्तता के कारण रामलीला के अच्छे जानकार प्रभात शाह गंगोला भी बच्चो को प्रशिक्षित कर रहे है । उन्होंने बताया कि रामलीला मंचन में अनुभवी थियेटर कलाकारों का होना नैनीताल की राम सेवक सभा द्वारा आयोजित रामलीला के लिए विशेष महत्व रखता है।
इसमें निपुण कलाकारी के चलते ये कलाकार राम कहानी को जीवंत कर देते हैं। उन्होंने एक विशेष बात ये बताई की यहां पारसी थियेटर की विलुप्तप्राय शैली इस्तेमाल की जाती है। इसमें शरद कुमार वासु की विजय, नारद मोह निषाद मिलन नाटक आदि रामसेवक सभा की तरफ से करेंगे। नाटक में एक ही परिवार की चार बहने भी रामलीला में अपना सहयोग दे रही हैं। इसमें, श्रुति कोहली सूर्पनखा, अनुष्का कोहली केकई और आराधना कोहली सीता का पाठ निभा रही हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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