नैनीताल जिले के इन ख़ास इलाकों में बनेंगे हेलीपोर्ट्स,जानिये क्या है प्लानिंग

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नैनीताल जिले के टूरिस्ट इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब जनपद के 6 चुनिंदा इलाकों में हेलीपैड – हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे।

हेलीपोर्ट निर्माण को लेकर कैम्प कार्यालय में जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को अधिकाधिक सुविधा हेतु नैनीताल जिला में मुक्तेश्वर, भवाली, रामनगर, भीमताल, बेलुवाखान व नौकुचियाताल में हेलीपोर्ट प्रस्तावित है। जहाँ पर्यटकों की आवाजाही बहुत ज्यादा हैं, या पर्यटन वाले इलाकों का ज्यादा से ज्यादा विस्तार किया जा सकता हैं, उन जगहों पर निर्माण किया जा रहा है।

हेलिकॉप्टर को खड़े करने की जगह को हेलीपैड कहा जाता है और जहां एक या एक से अधिक हेलीपैड होते हैं, उस एरिया को हेलीपोर्ट कहते हैं.
जिलाधिकारी नैनीताल के मुताबिक यह कदम पर्यटकों को अधिक गतिविधियों और पर्यटकों को ज्यादा सहूलियत देने के लिये उठाया जा रहा हैं, इसके लिए अधिकांश जगहों पर भूमि चिन्हीकरण का कार्य किया जा चुका है व सर्वे का कार्य करायाजा रहा है।

आपको बताते चलें मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में बनाए जाने वाले हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने में हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में शीघ्र से शीघ्र हेलीपोर्ट्स हेतु भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए, कहा कि जिन जनपदों में भूमि चिन्हित कर ली गई है, उनमें शीघ्र कार्य शुरू किए जाएं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एयर कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन स्थलों के आसपास हेलीपोर्ट्स और हेलीपेड्स विकसित किए जाएं। उन्होंने नैनीताल में भीमताल के आसपास हेलीपोर्ट के लिए जगह चिन्हित करने हेतु जिलाधिकारी को ड्राइव चलाने के निर्देश दिए, साथ ही कौड़ियाला और चकराता के पास भी हेलीपैड बनाए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने हिमालय दर्शन जैसी योजना भी शुरू किए जाने पर बल देते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। सभी योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने भूमि चिन्हीकरण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस, अधिग्रहण अथवा भूमि हस्तांतरण, निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया आदि जैसे प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रत्येक योजना की साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सिर्फ कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे क्षेत्रों को प्राथमिकता पर लिया जाए।

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