केदारनाथ धाम में मंदिर के अंदर दीवारों पर पिछले वर्ष सोने की परत चढ़ाई गई थी। जानकारी के मुताबिक मुंबई के एक कारोबारी ने सोना दान किया था। इससे कई सोने की प्लेट बनाई गई और उन्हें मंदिर के अंदर गर्भगृह में लगाया गया।
अब यहां से सोना गायब होने की चर्चा शुरू हो गई है। चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि केदारनाथ धाम में सोने के नाम पर पीतल की परत चिपकाई गई है। इसके जरिए सवा अरब रुपए की धांधली को अंजाम दिया गया है। संतोष त्रिवेदी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो विशाल जन आंदोलन किया जाएगा।
संतोष त्रिवेदी ने कहा कि करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों और सनातनीयों की आस्था के केंद्र बाबा केदार के गर्भ गृह को पिछले वर्ष ही कपाट बंद होने से चंद दिनों पहले स्वर्ण मंडित किया गया था। अब यह पीतल होने की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कुकृत्य को अंजाम देना करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों और सनातनियों की आस्था पर कुठाराघात है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले चंद दिनों में भव्य जन आंदोलन को अंजाम दिया जाएगा।
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगाई गई सोने की प्लेटों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है. उन्होंने अधिकारी एवं मंदिर समिति को घेरते हुए कहा गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के रूप में सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया है।
वहीं, मामले में बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) ने वीडियो में दी जा रही जानकारी का खंडन करते हुए इसे भ्रामक बताया है.
दरअसल, चारधाम महापंचायत उपाध्यक्ष और केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल हो रहे इस वीडियो में संतोष त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों पर लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है. उन्होंने अधिकारी एवं मंदिर समिति को घेरते हुए कहा कि गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के रूप में सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया.
संतोष त्रिवेदी ने कहा बीकेटीसी, सरकार और प्रशासन जिसने भी ये कार्य किए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उनका आरोप है कि बीकेटीसी ने सोना लगाने से पहले इसकी जांच क्यों नहीं कराई? जब लगातार तीर्थ पुरोहित सोना लगाने का विरोध करे रहे थे, बावजूद जबरन यह कार्य किया गया. सोने के नाम पर महज पीतल पर पानी चढ़ाया गया है. संतोष त्रिवेदी कहा कि यदि इसमें जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो तीर्थपुरोहित उग्र आंदोलन करेंगे.
वहीं, दूसरी ओर बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने इसका खंडन किया है. उन्होंने इसके लिए बकायदा खंडन पत्र जारी किया है।
जिसमें कहा गया है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों एवं जलेरी को स्वर्ण जड़ित करावाए जाने का काम पिछले वर्ष एक दानी दाता के सहयोग से किया गया।आरसी तिवारी ने बताया कि वर्तमान में एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है, जिसमें सोने की लागत एक अरब पंद्रह करोड़ रुपये बताई गई. यह बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित कर जनमानस की भावनाएं आहत करने का प्रयास किया गया है. बीकेटीसी ने स्पष्ट किया कि केदारनाथ गर्भ गृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य 14.38 करोड़ है. स्वर्ण जड़ित कार्य के लिए इस्तेमाल कॉपर की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है, जिसकी कीमत 29 लाख रुपये है. उन्होंने बताया उक्त भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई भी की जा रही है.
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