उत्तराखण्ड के भीमताल में पिछले कई दिनों से गुमशुदा रेंजर का शव झील में उतराता मिला। पुलिस और स्थानीय लोगों ने शव को निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
नैनीताल के भीमताल झील में सुबह झील किनारे शव उतरता हुआ दिखाई दिया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस शव को झील से बाहर निकाला और तलाशी ली। जिसमें पर्स में मिली फोटो से लापता रेंजर हरीश चंद्र पांडेय के नाम से शिनाख्त की गई।
भीमताल से हल्द्वानी जाने वाले मार्ग में पशु अस्पताल के पास आज सवेरे स्थानीय लोगों ने बोट स्टैंड के समीप एक शव उतराता देखा। इसकी सूचना उन्होंने भीमताल पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से शव को झील से बाहर निकाला।
तलाशी लेने पर शव से मिले पर्स में रेंजर हरीश चंद्र जोशी की फोटो, बिल और कुछ रुपये मिले। शव को भीमताल अस्पताल में ले जाया गया। फिलहाल शव कई दिनों से लापता रेंजर का बताया जा रहा है। रेंजर, पिछले कई दिनों से हल्द्वानी से लापता थे और उनकी आखिरी लोकेशन भीमताल देखी गई थी। इसके बाद उनके परिजन और पुलिस ने भीमताल और आसपास के क्षेत्रों में छानबीन शुरू की थी।
इस सूचना से परिजनों में कोहराम मच गया है।
बता दे कि कि तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर में तैनात हल्द्वानी के ऊंचापुल निवासी भाखड़ा रेंज के रेंजर हरीश चंद्र पांडे (50) पिछले 15 दिन से लापता थे। एसओ मुखानी प्रमोद पाठक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में रेंजर कालू साई मंदिर से भोटिया पड़ाव स्थित टैक्सी से जाते दिख रहे थे। इसके बाद उनकी तस्वीर भीमताल बाजार और थाने के सामने लगे सीसीटीवी में कैद हुई थी। वहीं भाखड़ा रेंज में पेड़ कटने का मामला सामने आने के बाद से रेंजर के तनाव में रहने की बात सामने आ रही थी। इस संबंध में मुखानी पुलिस ने वन क्षेत्राधिकारी समेत स्टाफ कर्मियों से पूछताछ की थी।
परिजन उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से भी खोजने का भी प्रयास कर रहे थे। आज उनका शव भीमताल झील से मिला है। इस सूचना से परिजनों में कोहराम मच गया है। रेंजर के लापता होने और अब शव मिलने के बाद कई सवाल उठ रहे है। रेंजर ने आत्महत्या की या फिर वह किसी साजिश का शिकार हो गए, य़ह पुलिस जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
सूचना पर मृतक के बेटे हिताद्र पांडे अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंचे।बेटे हिताद्र ने अपने पिता की मौत के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाए है। बेटे ने रोते हुए बताया कि उनके पिता को पेड़ काटने के मामले में झूठा फंसाया जा रहा था।
जिसके बाद से वह 29 नवंबर से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे।उनके बेटे ने बताया कि तब से पिता घर से लापता चल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से भी पिता की खोजबीन के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जबकि उनके पिता की लोकेशन भीमताल में मिली थी। बेटे ने कहा कि डीएफओ और एसडीओ से जब पिता की खोजबीन के लिए मिलने गए तो उन्होंने मुलाकात तक नहीं की।
हिताद्र ने कहा ईमानदारी के चलते उनके पिता की जान गई है। उन्होंने कहा कि वह लोग कमजोर है अगर वह शिकायत भी करेंगे तो उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी। थानाध्यक्ष बिरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि शव तीन दिन पुराना लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। मृतक तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रुद्रपुर डिवजीन में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात थे।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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