दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत मिल गई है। शीर्ष अदालत ने महज 5 मिनट चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुना दिया है। उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिली है। जमानत को लेकर दिए आदेश में कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार पर भी कोई रोक नहीं लगाई है। आपको बता दें कि दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी. पिछली सुनवाई में ही शीर्ष अदालत ने इस बात के संकेत दे दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी है. कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने को कहा है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा था कि वह केजरीवाल को अंतरिम राहत पर शुक्रवार को आदेश पारित कर सकते हैं। केजरीवाल को (अब समाप्त हो चुकी) दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
हाल ही में ईडी ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक। वहीं, ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी।
चुनाव प्रचार कोई संवैधानिक अधिकार नहीं
ईडी ने हलफनामे में कहा था, ‘इस बात को ध्यान में रखना प्रासंगिक है कि चुनाव के लिए प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक, यहां तक कि यह कानूनी अधिकार भी नहीं है।
उपरोक्त तथ्यात्मक और कानूनी दलीलों के मद्देनजर अंतरिम जमानत के आग्रह को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के स्थापित सिद्धांतों के विपरीत होगा जो संविधान की मूल विशेषता है। केवल राजनीतिक चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ होगा और भेदभावपूर्ण होगा क्योंकि प्रत्येक नागरिक का कार्य/व्यवसाय/पेशा या गतिविधि उसके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
जेल में बंद सभी राजनेता कर सकते हैं राहत की मांग
ईडी ने कहा था कि ऐसा समझना संभव नहीं होगा कि एक छोटे किसान या व्यापारी का काम किसी उस राजनीतिक नेता के प्रचार से कम महत्वपूर्ण है जो स्वीकार करता है कि वह चुनाव नहीं लड़ रहा है। इसने कहा कि यदि केजरीवाल को उनकी पार्टी के लिए लोकसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए एक राजनीतिज्ञ होने के कारण कोई अंतरिम राहत दी जाती है, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि जेल में बंद सभी राजनीतिज्ञ यह दावा करते हुए समान राहत की मांग करेंगे कि वे भी इस श्रेणी में आते हैं।
खास बातें…
सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वे उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
आप नेता जैसमिन शाह ने कहा कि राजनीतिक षड़यंत्र था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला एतिहासिक ।
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्री कोर्ट का आदेश चमत्कार है। केजरीवाल पर भगवान बजरंगबली का आशीर्वाद है। यह देश में बड़े बदलाव का संकेत है।
आप नेता आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य और लोकतंत्र की जीत है। लोकसभा चुनाव के बाद देश में तानाशाही खत्म हो जाएगी। वहीं, आप नेता गोपाल राय ने कहा कि एससी का फैसला देश से प्यार करने वालों के लिए उम्मीद की किरण है। आप कार्यालय में जश्न का माहौल है।
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