सियासत में बयान वीरो की ज़बान लड़खड़ाना कोई नई बात नहीं लेकिन अब उत्तराखंड की सियासत में दो धुरंधरों की जबानी जंग लांघ रही है मर्यादा की सीमाएं” आखिर जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि समाज को क्या मैसेज देना चाहते हैं यह बड़ा सवाल है।
उत्तराखंड में कथित बाहुबली और विवादों में रहने वाले बयान वीर भाजपा नेता पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर के विधायक उमेश कुमार के बीच जुबानी जंग अब कुश्ती के अखाड़े तक पहुंच गई है। पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के बीच की यह जंग सोशल मीडिया में खासी चर्चाओं में है। आलम यह है कि दोनों एक दूसरे के माता-पिता तक को बीच में घसीट कर गरिया रहे हैं। इन नेताओं की भाषा सुनकर लोग खूब चटकारे ले रहे हैं और इनके जनप्रतिनिधि होने का मजाक उड़ा रहे हैं। एक वीडियो में तो चैंपियन यहां तक कहते देखे जा सकते हैं कि अगर उमेश कुमार उनके सामने आ जाएं तो वह एक थप्पड़ मार कर उन्हें जमीन पर लिटा देंगे।
खानपुर से पूर्व में विधायक रहे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अक्सर अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। राजसी वैभव और विधायकी का रौब दिखाते हुए चैंपियन के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते रहे हैं। यहां तक की उत्तराखंड के लोगों को अभद्र भाषा बोल कर अपमानित करने के मामले में भी चैंपियन सुर्खियों में रहे। वहीं खानपुर से निर्दलीय जीते विधायक उमेश कुमार चैंपियन को कहीं भी बख्शने के मूड में नहीं दिखाई देते हैं।
विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ इन दोनों नेताओं में लगी रहती है और इसी होड़ में यह लोग एक दूसरे पर छींटाकशी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। सोशल मीडिया पर इनकी वीडियो देखकर लोग अचरज कर रहे हैं कि यह दोनों जनता के नेता है। जब इनकी अपनी जुबान पर काबू नहीं है तो भला जनता को यह कैसे नसीहत देंगे।
एक महीने पहले समर्थकों में हुई थी तू तू-मैं मैं
बता दें कि 1 माह पूर्व खानपुर में आयोजित दिव्यांग शिविर में इन दोनों नेताओं के समर्थकों में भिड़ंत हो गई थी। विधायक उमेश समर्थकों की तरफ से चैंपियन समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कराए जाने की जंग और भी तेज हो गई है। चैंपियन ने सोशल मीडिया में उमेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए तो वही उमेश कुमार ने रुड़की में पत्रकार वार्ता करते हुए चैंपियन को जमकर लताड़ा। सोशल मीडिया में चल रही यह लड़ाई अब कुश्ती के अखाड़े तक पहुंच गई।
हालांकि अभी तक दोनों नेता आमने सामने नहीं आए हैं लेकिन उनके समर्थकों ने नेहरू स्टेडियम रुड़की के अखाड़े में अलग-अलग समय पहुंच कर एक दूसरे को ललकारा है। अब सोशल मीडिया में चल रही इस जंग से राजनीतिक माहौल भी गरमा रहा है।
एक-दूसरे के घरवालों को भी कर रहे हमला
पिछले 2 दिनों से पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक सोशल मीडिया में एक-दूसरे के परिजनों पर भी आक्रामक हमला कर रहे हैं। मामला तब और भी बढ़ गया जब सोशल मीडिया की जंग के बीच विधायक उमेश कुमार के समर्थक शनिवार की सुबह रुड़की नेहरू स्टेडियम अखाड़े में चुनौती देते हुए पहुंच गए और चैंपियन के खिलाफ नारेबाजी की। उसी दिन शाम को चैंपियन के समर्थक भी स्टेडियम पहुंचे और विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
इस तरह से दोनों नेताओं के समर्थकों के तेवर देखते हुए पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गया। हालांकि दोनों के समर्थकों का आमना-सामना नहीं होने से पुलिस ने राहत की सांस ली है जबकि दोनों जनप्रतिनिधियों के बीच कुश्ती की ललकार की बात सुनकर बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम पहुंच गए थे।
चैंपियन पहले भी कई बार आ चुके हैं विवादों में
इन दोनों जनप्रतिनिधियों की जुबानी जंग सामाजिक मर्यादा लांघ रही हैं। हाल ही में जारी एक वीडियो में चैंपियन विधायक उमेश कुमार पर कभी उनके शरीर को लेकर तो कभी उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं। वही उमेश कुमार भी जी भरकर चैंपियन का मखौल उड़ा रहे हैं और उन्हें चुनौती देते हुए सुनाई दे रहे हैं। बता दें कि पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन इससे पहले उत्तराखंड के लोगों को अपमानित करने, हूटर बजाते हुए काफिला चलाने, उनके बेटे को पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर डालनवाला थाने में हंगामा करने की वजह से अक्सर चर्चाओं में रहे हैं। उनकी विवादित छवि के कारण कई बार भाजपा के पदाधिकारी उन्हें हिदायत दे चुके हैं, लेकिन फिर कोई ना कोई नया कारनामा सामने आ जाता है।
पिछले साल उमेश कुमार ने खड़ा किया था विवाद
चैंपियन ने पिछले साल विधायक उमेश कुमार को लेकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था। चैंपियन ने केंद्र सरकार को उमेश कुमार के खिलाफ 2 दिसंबर 2022 को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में चैंपियन ने लिखा था कि उमेश कुमार के खिलाफ उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं और कुछ साल पहले अवैध विदेशी मुद्रा भी मिली थी लेकिन राज्य और केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस पत्र के जवाब में केंद्र ने राज्य सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए थे जबकि इस मामले में विधायक उमेश शर्मा ने हर जांच में सहयोग की बात कही थी। वहीं से बात और बिगड़ती चली गई। दोनों जनप्रतिनिधि एक दूसरे की कमियां ढूंढते हुए सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट करते हैं और आए दिन अपने कंटीले बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं।
जब मीडिया में चैंपियन ने इतनी बातें कह दी तो भला विधायक उमेश कुमार भी चुप क्यों रहने वाले थे। उमेश कुमार ने फेसबुक पर लाइव आकर चैंपियन पर निशाना साधा। उमेश कुमार ने कहा कि चैंपियन पिछले 1 साल से उन पर झूठे आरोप लगा रहे हैं लेकिन वह एक भी आरोप को साबित नहीं कर पाए हैं। उमेश कुमार ने यहां तक कह दिया कि वह चैंपियन के इस पागलपन को इसलिए बर्दाश्त करते हैं कि क्योंकि वह रोज रोज इस तरह बेवजह के बयानों के जवाब नहीं देना चाहते।
उमेश कुमार ने चैंपियन को भाषा पर नियंत्रण रखने की दी नसीहत
उमेश कुमार ने फेसबुक लाइफ में चैंपियन को बेशर्म कह दिया और यह भी कहा कि चैंपियन तुम वह दिन भूल गए हो जब पार्टी और विधानसभा से निष्कासित किया गया था तो तुम रोते हुए मेरे दरवाजे पर आए थे। चैंपियन को याद होना चाहिए कि जब उनके पीछे पुलिस पड़ी थी तो वो उनके दरवाजे पर आकर खड़े हो गए थे। उमेश कुमार ने कहा कि वह खुद चैंपियन के लिए तत्कालीन सीएम हरीश रावत से लड़े थे। वही उमेश कुमार ने चैंपियन को भाषा में नियंत्रण रखने की नसीहत भी दी थी। उमेश कुमार ने कहा कि अगर चैंपियन यह साबित कर देंगे कि उनके ऊपर एक भी दुष्कर्म का मुकदमा चल रहा है तो वह विधायकी से इस्तीफा दे देंगे। चैंपियन लगभग डेढ़ साल से उनके ऊपर कार्रवाई करवाने के लिए धक्के खा रहे हैं लेकिन आज तक कुछ नहीं कर सके चैंपियन की हैसियत नहीं कि उनका कुछ बिगाड़ सके।
उमेश सामने आ जाए तो उनको थप्पड़ मार कर जमीन पर लेटा देंगे – चैंपियन
फिर चैंपियन ने उमेश कुमार को जोकर अपराधी और चोर कहते हुए कहा कि शर्मा होटल का ज़िक्र किया और कहा कि होटल में चोरी का सरिया और चीनी बेची जाती थी। कार चोरी का जिक्र करते हुए चैंपियन ने बोला की कार चोरी के आरोप में उमेश कुमार जेल गए थे लेकिन विधायक के नॉमिनेशन में इस घटना का जिक्र नहीं किया। उमेश कुमार पर दुष्कर्म का केस दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है।
चैंपियन ने इस बीच मर्यादा तोड़ते हुए यहां तक कह दिया कि अगर उमेश उनके सामने आ जाएं तो वह एक थप्पड़ मार कर जमीन पर लेटा देंगे। कहा कि उमेश शर्मा खानपुर के चौहान और सैनिकों के गांव में जब भी पहुंचेंगे तो हो सकता है कि वहां के लोग उन्हें पीटना शुरू कर दे या उठाकर गंगा में फेंक दे।
चैंपियन ने उमेश कुमार को मेंढक और खुद को शेर बताते हुए कहा कि उनको उमेश की बयानबाजी से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि 57 साल की उम्र में भी उनका 52 इंच का सीना और 19 इंच के बाइसेप्स हैं। खुद को चरित्रवान, मेहनतकश, पहलवान और नौजवान नेता बताते हुए कहा कि उमेश कुमार उनकी बराबरी नहीं कर सकता यह तो हल्का सा ट्रेलर दिखाया है मुकाबला करना है तो तारीख तय कर ले।
हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन से चर्चा में आए थे उमेश कुमार
वहीं, विधायक उमेश कुमार पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के गढ़ में घुसकर उन्हें करारी शिकस्त दी है. लगातार विवादों में रहने के चलते भाजपा ने चैंपियन का टिकट काट दिया था और इस बार चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी को चुनाव मैदान में उतारा था. उमेश कुमार ने बसपा के रविंद्र सिंह को 6900 वोटों से हराया है, जबकि भाजपा की रानी देवयानी तीसरे स्थान पर रहीं.
पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर कर जीत दर्ज करने वाले उमेश कुमार पेशे से पत्रकार रहे हैं. उमेश कुमार का नाम साल 2016 में उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आया था जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन कर विधायकों की खरीद-फरोख्त का पर्दाफाश किया था.
उस समय मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. उमेश कुमार एक न्यूज़ चैनल के मालिक हैं और खुद को जनता की आवाज उठाने वाला पत्रकार कहते हैं. उमेश कुमार का कहना है कि खानपुर की जनता ने विकास के लिए उन्हें चुना है. जनता अहंकारी राजा नहीं बल्कि एक सेवक चाहती है.
खानपुर विधानसभा से चुनाव जीतने वाले उमेश कुमार ना तो राजनीतिक बैकग्राउंड के व्यक्ति हैं, ना ही उन्हें चुनाव लड़ने का कोई अनुभव है. बावजूद इसके उमेश कुमार कुछ ही महीनों में खानपुर विधानसभा की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे. रोचक बात ये है कि इस क्षेत्र में उमेश कुमार हेलीकॉप्टर वाले नेता के नाम से चर्चित हैं.
जिसका कारण ये है कि उमेश कुमार हेलीकॉप्टर में सफर करते हैं और विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को उन्होंने हेलीकॉप्टर से आसमान की सैर कराई. इतना ही नहीं हेलीकॉप्टर वाले नेता के नाम से चर्चित होने पर उमेश कुमार ने अपना चुनाव चिह्न भी हेलीकॉप्टर को ही चुना.
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