रो पड़ा आसमां ..नहीं रहे आजादी की अलख जगाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी शिवराज सिंह फर्त्याल
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हल्द्वानी: देश भक्ति से प्रेरित और देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के जज्बे को लेकर स्वतंत्रता की लड़ाई में अंग्रेजों के सामने अपने फौलादी हौसलों से ना डगमगाने वाले उत्तराखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी शिवराज सिंह फर्त्याल का निधन हो गया है जिनको आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ हल्द्वानी के रानी बाग स्थित चित्र शीला घाट पर नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
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नहर कवरिंग रोड स्थित अमरावती कॉलोनी में रहने वाले शिवराज सिंह फर्त्याल का शुक्रवार लगभग रात 8:00 बजे निधन हो गया। उप जिलाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में किया गया है। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह भी मौजूद रहीं, इस दौरान आसमां भी इस महान स्वतंत्रता सेनानी की विदाई पर अपने आंसू ना रोक सका,मौजूद तमाम लोगों ने नम आंखों से महान सपूत को अंतिम विदाई दी।
पिछले साल 15 अगस्त 2021 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवराज सिंह को यूं ही नहीं आया था ,भारत छोड़ो आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें 19 कोड़े खाने पड़े थे, लेकिन देशभक्ति से प्रेरित और आजादी की लड़ाई लड़ने वाले जवां खून के फौलादी इरादों को अंग्रेज न डिगा सके, नतीजन उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। जवानी के दिनों में कई सालों तक दिन में एक समय का भोजन करते थे।
अमरावती कालोनी निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवराज सिंह फर्त्याल (96) मूलत: अल्मोड़ा जनपद के लमगड़ा ब्लाक के कपकोट ग्रामसभा निवासी थे नानतिन महाराज के अनन्य भक्त शिवराज को बुढ़ापे ने एक खटिया में सीमित कर दिया था। जब वह स्कूल पढ़ा करते थे तो उनके फौलादी इरादों को देखकर उनके साथी भी अचंभित रह जाते थे। हर भारतीय की तरह अंग्रेजों की गुलामी उन्हें भी पसंद नहीं थी। जीआईसी अल्मोड़ा में दसवीं में पढ़ते समय उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने पर तब उन्हें पकड़ लिया गया। उनकी छोटी उम्र देखकर उन्हें जेल में नहीं डाला गया लेकिन 19 कोड़े लगाने का हुक्म दिया गया। अंग्रेजों का दिल यहां भी नहीं पसीजा तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। हालांकि एक साल बाद फिर वह स्कूल में दाखिल हुए और दसवीं की परीक्षा दी।
देश के वीर सपूत
उत्तराखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी को
शत शत नमन
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