नैनीताल समेत 9 जिलों में स्कूल बंद, जानें – आपात स्थिति से निपटने की क्या है तैयारियां..
उत्तराखंड में मौसम के तेवर फिर बदल गए हैं। देहरादून, नैनीताल समेत नौ जिलों में बुधवार को भारी से अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान पहाड़ों में भूस्खलन और निचले क्षेत्रों में नदी-नालों के उफान पर आने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
नौ जिलों में स्कूलों में छुट्टी
इस बीच दून समेत नौ जिलों में एक से 12वीं तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। शासन की ओर से सभी जिलों में प्रशासन समेत आपदा प्रबंधन और अन्य विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
भारी वर्षा का रेड अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अत्यंत भारी वर्षा होने की आशंका है। खासकर देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
नदी-नाले आ सकते उफान पर
अन्य जिलों में भी गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इस दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टान खिसकने की आशंका है। साथ ही नदी-नालों के अचानक उफान पर आने और जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है।
सतर्क रहने की दी सलाह
मौसम विभाग ने इसे लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। इसी क्रम में शासन ने सभी जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन, राज्य आपदा मोचन बल, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा है।
आपात स्थिति से निपटने की यह है तैयारियां
उत्तराखंड में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है. मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा की आशंका को देखते हुए मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं सभी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्रों में सक्षम स्तर के नोडल अधिकारी तैनात करने को कहा है. उन्होंने कहा कि आपदा जैसी परिस्थिति में ये नोडल अधिकारी निर्णय लेने व निर्देश देने के लिए अधिकृत होंगे.
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यातायात को सुचारू रखने के लिए जेसीबी व पोकलैंड मशीनें तैनात की जाएं. पेयजल व विद्युत व्यवस्था को चारू रखने के लिए कदम उठाए जाएं. उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वषार्काल में नदियों व बैरोज के जलस्तर पर पैनी नजर रखने के साथ ही बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए. सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारियों, ग्राम पंचायत अधिकारियों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों को कार्य स्थल पर बने रहने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए हैं.
खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश
मुख्य सचिव ने खाद्य विभाग को गोदामों में समुचित मात्रा में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने जनसामान्य से अपील की कि भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए आवश्यक होने पर भी घरों से बाहर निकला जाए. मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में सचिव आपदा डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सभी जिलाधिकारियों व आपदा से संबंधित विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की.
आपदा संभावित जोन चिह्नित करने को कहा गया
वषार्काल के मद्देनजर आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने अधिकारियों के साथ बैठक की. कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागर में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सोनिका ने लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई व राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा संभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए. ऐसे स्थलों पर जेसीबी तैनात रखी जाए. साथ ही जेसीबी के वाहन चालकों के नंबर विभिन्न माध्यमों से प्रसारित कराए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर जनता उनकी मदद प्राप्त कर सके.
जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र 05942-231178, 231179 तथा टोल फ्री नम्बर 1077 पर आवश्यक रूप से सूचित करें।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में भारी बारिश की संभावना के दृष्टिगत कृपया पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा के दौरान एवं नदी, नालों को पार करते समय सावधानी बरतें। किसी भी प्रकार की पुलिस सहायता हेतु आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें।
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