अभिषेक गुप्ता मर्डर केस में 50 हजार की इनामी साध्वी पूजा शकुन पांडे गिरफ्तार

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आखिरकार 15 दिन के बाद पुलिस ने अभिषेक गुप्ता मर्डर केस की आरोपी पूर्व महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडे को गिरफ्तार कर लिया है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के खैर कस्बे में बाइक शोरूम के मालिक अभिषेक गुप्ता की हत्या केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मर्डर प्लान रचने वाली मुख्य मास्टरमाइंड पूजा शकुन पांडेय हत्थे चढ़ गई है। शूटर्स की वारदात के 15 दिनों के बाद शनिवार को पूजा पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी है।

पुलिस ने यूपी के साथ ही उत्तराखंड, दिल्ली में तलाश करते हुए फाइनली राजस्थान में उसे धर दबोचा। घटना के बाद से ही यह सवाल सबकी जुबान पर था कि आखिर महामंडलेश्वर बनकर धार्मिक जीवन गुजार रही महिला ने अपने से उम्र में काफी छोटे युवक को सुपारी देकर क्यों मरवाया? इसका जवाब रिश्तों की परत खोलने वाला है।

बीते 26 सितंबर को खैर कस्बे में टीवीएस कंपनी का बाइक शोरूम चलाने वाले 30 साल के अभिषेक शाम में दुकान बंद करके अपने पिता नीरज गुप्ता और चचेरे भाई जीतू के साथ हाथरस स्थित घर जाने के लिए खैरेश्वर चौराहे के पास बस में जैसे ही चढ़ रहे थे, तभी बाइक सवार दो अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। इस वारदात से सनसनी मच गई।

पुलिस ने वारदात के बाद इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस हत्या की साजिश अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव और महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय उर्फ महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने अपने पति एवं संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडेय के साथ मिलकर रची थी। पूजा पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था।

मास्टरमाइंड और शूटर सब गिरफ्तार
इस वारदात में पूजा की राजस्थान से अब गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके पहले पति अशोक पांडेय के साथ ही दोनों शूटरों फजल और आसिफ को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने पूजा के भाई और साथ में रहने वाले दो युवकों के साथ ही मदद करने वाले संघ से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता को पूछताछ के बाद वापस भेज दिया।

दोनों के परिवार में पुरानी पहचान
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि पूजा शकुन और अभिषेक में काफी पुरानी जान-पहचान है। हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र निवासी दोनों के पिता और परिवार भी एक दूसरे को जानते थे। पूजा शकुन के पिता टीचर थे। जब वह अंबाला में थे, तभी परिचय की वजह से अभिषेक के पिता ने उसको पढ़ने के लिए साथ में भेज दिया था। उसी समय से पूजा और अभिषेक में पहचान थी जो समय के साथ गहरी होती चली गई।

मैथ की प्रोफेसर के बाद की लव मैरिज
इधर पूजा भी पढ़ाई में अव्वल थी। गणित में एमफिल तक की पढ़ाई करने के बाद पूजा गाजियाबाद के एक कॉलेज में प्रोफेसर बनीं थी। वह पढ़ने में हमेशा मेधावी रहीं और कभी 80 प्रतिशत से कम अंक नहीं लाईं थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात मैनपुरी के किशनी निवासी अशोक पांडे से हुई और दोनों ने लव मैरिज कर ली थी। हालांकि अभिषेक संपर्क में बना रहा।


2016 से हिंदू महासभा से जुड़ गईं
करीब एक दशक पहले पूजा ने नौकरी छोड़ दी और धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों से जुड़ गईं थी। 2016 में वह हिंदू महासभा से सक्रिय रूप से जुड़ीं और धीरे-धीरे विवादित बयानों और गतिविधियों के चलते सुर्खियों में आ गईं थी। साल 2021 में निरंजनी अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। दो बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पिता ने उठाई।

अवैध संबंध और बिजनेस में गई जान
अभिषेक गुप्ता के पिता नीरज गुप्ता का आरोप है कि उनके बेटे और पूजा शकुन के बीच रिश्ते थे। अभिषेक के साथ पूजा के अवैध संबंध थे और वह उससे जिद करती थी कि वो उसके साथ रहे। इसके बाद जब पूजा ने अभिषेक के टीवीएस शोरूम में भी हिस्सेदारी मांगी, लेकिन जब उसने पूजा का नंबर ब्लॉक कर दिया। जब अभिषेक ने उनसे दूरी बनानी शुरू की तो इसी से नाराज होकर हत्या की साजिश रची गई थी।

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