केदारनाथ में रोप-वे : अब 9 घंटे की यात्रा सिर्फ 36 मिनट में, हेमकुंड साहिब के लिए मोदी कैबिनेट का बड़ा एलान..

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड के लिए दो बड़े ऐलान किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने केदारनाथ धाम के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब से फूलों की घाटी तक रोप-वे बनाने की भी घोषणा की गई है। ये दोनों परियोजनाएं न केवल तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाएंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगी।

केदारनाथ रोप-वे: 9 घंटे की यात्रा अब सिर्फ 36 मिनट में

केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए सोनप्रयाग से 12.9 किलोमीटर लंबा रोप-वे बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 4081 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) द्वारा बनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस रोप-वे से यात्रा का समय घटकर मात्र 36 मिनट रह जाएगा, जबकि अभी यह यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है। इस रोप-वे में एक बार में 36 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी।

हेमकुंड साहिब से फूलों की घाटी तक रोप-वे

दूसरी बड़ी घोषणा हेमकुंड साहिब में रोप-वे प्रोजेक्ट को लेकर की गई है। इस परियोजना पर 2730 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस रोप-वे से हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी तक की यात्रा आसान हो जाएगी। यह परियोजना भी उत्तराखंड के पर्यटन और तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार के इन कदमों से चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाने के साथ-साथ स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ मिलेगा। इससे क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, तीर्थयात्रियों का आवागमन पूरे छह महीने तक बना रहेगा, जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव में कमी आएगी।

उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालन

केदारनाथ रोपवे परियोजना उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालित होगी। यह अधिनियम लाइसेंसिंग, संचालन की निगरानी, सुरक्षा और किराया निर्धारण का कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इससे परियोजना का पारदर्शी और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होगा।

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोप-वे प्रोजेक्ट्स की मंजूरी उत्तराखंड के पर्यटन और तीर्थयात्रा क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है। ये परियोजनाएं न केवल यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाएंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेंगी। इससे उत्तराखंड के विकास को नई दिशा मिलेगी और पर्यटन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।

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