उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दैवीय आपदा संबंधी अपने पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं करने पर दायर अवमानना याचिका में हरिद्वार और नैनीताल के जिलाधिकारियों के शपथपत्र पर याचिकाकर्ता से प्रतिउत्तर देने को कहा है। वरिष्ठ न्यायाधीश मंनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई 13 सितंबर के लिए तय की है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी के चोरगलिया निवासी आर.टी.आई.कार्यकर्ता भुवन चन्द्र पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा कि न्यायलय ने 14 फरवरी 2023 को राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि बाढ़ से बचाव की दशा में राज्य सरकार के सिंचाई विभाग, वन विभाग, भूमि संरक्षण समेत अन्य विभागों को साथ लेकर अपने संसाधनों से आरक्षित क्षेत्रों की नदियों से मलवा, बोल्डर और शिल्ट को हटाएं और नदियों को चेंनेलाइज करें।
बावजूद इसके दोनों जिलाधिकारियों ने आदेश का पालन नहीं किया, जिसकी वजह से 2023 के मानसून सत्र में नंधौर, गौला, रकसिया नाला और हरिद्वार में गंगा नदी ने हरिद्वार के भोगपुर, रायवाला, लक्शर व अन्य जगहों पर भारी तबाही मचाई और स्कूल, पुल, सड़क, कृषि भूमि, वन भूमि समेत पगभग 600 करोड़ का नुकसान किया। अवमानना याचिका में प्रार्थना कर पूर्व के आदेश का शीघ्र अनुपालन करवाने को कहा गया।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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