आजम परिवार के लिए शनिवार का दिन राहत और मुश्किल भरा रहा है. एक मामले में अदालत ने रिहाई दी और दूसरे मामले में सजा को सही ठहराया. बता दें कि समाजवादी पार्टी के महासचिव आजम खान सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं. मारपीट, रंगदारी और धमकी मामले की सुनवाई के लिए आज आजम खान को कड़ी सुरक्षा में सीतापुर जेल से रामपुर जिला अदालत लाया गया. जिला अदालत ने फैसला सुनाते हुए पड़ोसी से मारपीट के मामले में अब्दुल्लाह आजम और आजम खान सहित चारों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया।
आजम परिवार को राहत मिलने पर रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. बता दें कि मारपीट, रंगदारी मांगने और धमकाने का मामला 2019 का है. पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने पिता-पुत्र को भी आरोपी बनाया था. मुकदमे की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए की कोर्ट ने आजम खान समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया. सुनवाई के लिए पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को हरदोई की जेल से रामपुर की जिला अदालत में लाया गया था।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आजम खान और अब्दुल्लाह आजम सहित चारों आरोपियों को अदालत ने निर्दोष माना. लेकिन 18 अक्टूबर 2023 को अब्दुल्लाह आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में सुनाई गई सजा को बरकरार रखा।
रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान, बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई थी. निचली अदालत के फैसले को आजम खान ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी।
सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए आजम परिवार की सजा को राहत नहीं दी. अदालत ने अपील को खारिज करते हुए 7-7 साल की सजा को बरकरार रखा. इसलिए अभी आजम खान, पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम जेल में ही रहेंगे. आज का दिन आजम खान परिवार के लिए अच्छा और बुरा दोनों रहा. जिला अदालत में पेशी कराने के बाद पुलिस दोनों को वापस जेल ले गयी।
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