बारिश ने बरसाया कहर_ जान माल का भारी नुकसान,आज देहरादून और नैनीताल में अलर्ट..

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उत्तराखंड में बेहिसाब बारिश के दौर ने हाल बेहाल कर दिया है जान माल का भारी नुकसान हुआ है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आज देहरादून और नैनीताल में कहीं-कहीं भारी बारिश, गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और बारिश के तीव्र से अति तीव्र दौर होने के आसार हैं। इसके लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने के बाद भी राजधानी के लोगों के लिए राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर में भी अनेक स्थानों पर गर्जन के साथ बौछार पड़ने की संभावना है। अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बने रहने के आसार भी है। मौसम का रुख देखते हुए आज भी देहरादून में दुश्वारियां बने रहने के आशंका है। उत्तराखंड में मानसून की विदाई के लिए इंतजार करना होगा। आमतौर पर सितंबर की आखिरी महीने में मानसून की विदाई हो जाती है, लेकिन इस बार बारिश का रुख देखते हुए लोगों को इंतजार करना होगा। उत्तराखंड में इस साल सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

उत्तराखंड में बारिश की तबाही
इस बार उत्तराखंड में मानसून की बारिश तबाही लेकर आई। सोमवार-मंगलवार की रात देहरादून में हुई बारिश से कई इलाकों में आपदा आ गई। इसने लोगों को 2013 की केदारनाथ आपदा की याद भी दिला दी। वहीं देहरादून में बारिश ने 101 साल बाद नया रिकॉर्ड बनाया है। क्षेत्र में ही सुबह 8:30 बजे तक 264.0 एमएम बारिश हुई जो सामान्य से बहुत अधिक है। दूसरे नंबर पर मालदेवता में 149.0 एमएम बारिश दर्ज की गई।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मूसलाधार बारिश का मुख्य कारण ईस्टरली वेस्टरली वेदर सिस्टम का मिलना रहा है। ईस्टरली हवाएं पूर्व से पश्चिम की ओर चलती है, जबकि वेस्टरली हवाएं पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं। यह दोनों हवा प्रणालियों पृथ्वी घूमने के कारण कोरिओलिस प्रभाव से उत्पन्न होती है जो वायुमंडलीय परिसंचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 15 और 16 सितंबर को इसका प्रभाव अधिक देखने को मिला।

टपकेश्वर महादेव मंदिर को पहुंचा नुकसान
देहरादून में सोमवार-मंगलवार की रात हुई बारिश से तमसा नदी उफान पर आई तो अपना रौद्र रूप दिखा गई। टपकेश्वर महादेव मंदिर को भी तमसा के पानी ने नुकसान पहुंचाया है। सुबह साढ़े तीन बजे के आस-पास नदी का जलस्तर बढ़ने लगा तो मंदिर के पुजारी वहां से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए।

तमसा के बढ़े जलस्तर से मंदिर में बना पुल बह गया जो टपेश्वर मंदिर से माता वैष्णो देवी गुफा को जोड़ता था। वहीं मंदिर में लगी भगवान शिव की पीतल की मूर्ति भी बह गई। मंदिर में मुख्य शिवलिंग भी जलमग्न हो गया और पूरे परिसर में मलबा, झाड़ियां और बोल्डर पड़े दिखाई दिए।

हनुमान जी की मूर्ति भी डूबी
सुबह 9:00 बजे के आस-पास पानी उतारना शुरू हुआ तब मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोग मंदिर में पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गए। मंदिर में जमा मलबा हटाने में लोग तुरंत जुट गए। स्थानीय लोगों के साथ ही पूर्व पार्षद भी अपनी सेवादार टीम के साथ टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और सब ने मिलकर मंदिर की सफाई की। टपकेश्वर महादेव में स्थित 25 फुट की हनुमान की मूर्ति भी तमसा के जलस्तर में कंठ तक डूबी नजर आई, जबकि आम दिनों में तमसा का पानी मूर्ति के चरणों से भी नीचे बहता था।

हरिद्वार में गंगा नदी चेतावनी स्तर से पार
हरिद्वार और आस-पास के क्षेत्र में बारिश होने से निचले इलाकों में जल भराव होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। भगत सिंह चौक रेलवे पुलिया के साथ ही चंद्राचार्य चौक पर भी जल भराव होने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हुई। यहां पर पंप सेट लगवाकर जल निकासी करवाई गई। लगातार बारिश की चलते हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर को पार कर गई।

बारिश से तबाही देखते ही देखते डूब गए 10 मजदूर

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहस्त्रधारा और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार को बादल फटने और सोमवार रात भर हुई भारी बारिश से भीषण तबाही मची। इस तबाही का भयावहता दिखता एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें करीब 10 मजदूर बहते दिख रहे हैं। वीडियो देहरादून के प्रेमनगर थाना इलाके का है। वीडियों में साफ दिख रहा है कि कैसे ट्रॉली पर कई मजदूर टोंस नदी के बीच फंसे हुए है। मजदूर किनारे से खड़े लोगों से अपने आप को बचने की गुहार लगा रहे है, लेकिन इसी बीच अचानक से नदी का तेज बहाव ट्रॉली को बहा ले जता है और उसमें सवार सभी दस मजदूर बह जाते है।

बताया जा रहा है कि सभी मजदूर टोंस नदी में खनन में लगे हुए थे। बचाव और राहत में लगी टीमों को अब तक 8 मजदूरों केके शच मिल चुके है, जिसमें चार महिला और चार पुरुष है। इसके अलावा भी अलग-अलग क्षेत्रों में शव बरामद हुए है। ये आंकड़ा अभी बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे है। सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हुए है।

खंभों पर चढ़कर लोगों ने बचाई जान
देहरादून में सैलाब का ऐसा मंजर पहले कभी लोगों को याद नहीं आ रहा। आधी रात को अंधेरे में आया सैलाब सब कुछ बहाकर ले गया। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए। देहरादून के प्रेमनगर इलाके में सैलाब के बीच फंसा व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए खंभे पर चढ़ गया। फुलेट गांव में एक मकान गिरने से उसने आठ मजदूर दबने की भी सूचना मिली है। दबे हुए दो लोगों को स्थानीय लोगों ने निकाल लिया है। यह गांव शहर से करीब 18 किमी दूर कुछ ऊंचाई पर है। यहां पैदल चढ़ाई कर जाने में टीमों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।

एक हजार से अधिक लोगों को बचाया
बचाव दलों के जवानों ने जान पर खेलकर कई लोगों को बचाया। बारिश के चलते पुल और सड़‌कों के टूटने से देहरादून जिले के विभिन्न स्थानों पर एक हजार से अधिक लोग फंसे हुए थे। इन्हें एसडीआरएफ और अन्य बचाव दलों ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। इनमें सिधनीवाला ने एक, मसंदावाला में 4, ठाकुरपुर में एक, सहस्रधारा रोड पर 4. हेरिटेज होटल मसूरी में 8, लिटिल हेवन होटल मसूरी में 15, पंचकूली रायपुर में 30, डालन वाला एमडीडीए कॉलोनी क्षेत्र में 20, संरकी में 6, देवभूमि इंस्टीट्यूट पौधा में 500 और परवल प्रेम नगर में 10 लोगों के फंसे हुए थे।

प्रबंधन की टीमों ने त्वरित कार्रवाई
देहरादून के पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में सोमवार रात करीब 11 बजे बादल फटने की घटना से भारी तबाही मच गई। अचानक हुए इस प्राकृतिक आपदा में पहाड़ियों से मलबे और पानी का तेज बहाव नीचे की ओर आया, जिससे बाजार और घर बुरी तरह प्रभावित हुए है। जानकारी के मुताबिक कार्डी गाड़ में बादल फटने के बाद क्षेत्र के मुख्य बाजार में मलबे का सैलाब आ गया, जिसके चलते कई बड़े होटल क्षतिग्रस्त हुए है। साथ ही एक मार्केट में बनों करीब 7 से 8 दुकाने ध्वस्त हो गई। देखते ही देखते कई होटल, दुकाने और वाहन तेज बहाव में बह गए।

सहस्त्रधारा में भारी नुकसान
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने राहत व बचाव कार्य में 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। घटना के समय कई पर्यटक और स्थानीय लोग क्षेत्र में मौजूद थे, जिनमें से कुछ लोगों ने ऊंचाई वाले स्थानों पर भागकर अपनी जान बचाई। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र को खाली करा दिया है। माल देवता क्षेत्र में तेज बहाव के चलते कई दुकानें जल प्रवाह ने बह गई। सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ऋषि नगर पुल की भी भारी नुकसान हुआ है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा उखड़ गया है। रिस्पना नदी के उफान से किनारे पर बना एक मकान, चार मोटरसाइकिले बह गई।

ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी में बढ़ा खतरा
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। तेज बहाव में कई वाहन बह गए है। ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे कई स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और सड़क का बड़ा हिस्सा बह चुका है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है। देहरादून जिले के चकराता में भी एक दर्दनाक हादसा सामने आया। देहरादून से चार दोस्त बाइक पर चकराता घूमने जा रहे थे, तभी कालसी-चकराता मोटर पर अचानक पहाड़ी से एक भारी पत्थर गिर गया।

इस हादसे में 22 वर्षीय विनय उसकी चपेट ने आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। विनय को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विनय मूल रूप से लुधियाना (पंजाब) के दरेंसी इलाके का निवासी था और इन दिनों देहरादून के रायपुर आम वाला क्षेत्र में रह रहा था।

मसूरी-देहरादून मार्ग बंद, रास्ते में फंसीं कई गाड़ियां
देहरादून जिले के ही पर्यटन स्थल मसूरी में सोमवार देर रात से हो रही भारी बारिश से आपदा जैसे हालात बन गए। मसूरी-देहरादून मार्ग बंद होने से सड़क में बीच-बीच में कई जगह गड़ियां फंसी हैं। पुलिस लगातार अनाऊस कर लोग से मसूरी-दून मार्ग में यात्रा नहीं करने की अपील कर रही है। झड़ीपानी शॉर्टकट रोड पर एक मकान में मलबा घुसने से दो नेपाली मूल के लोग दब गए। इसमें 41 वर्षीय राम बहादुर की मौके पर मौत हो गई, जबकि 40 वर्षीय अर्जुन गभीर रूप से घायल हुआ है।

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