प्रकाश धामी हत्याकांड में पुलिस को मिली कामयाबी एक हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार

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पार्षद प्रकाश धामी के एक हत्यारोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है उसके पास से पुलिस ने घटना मे प्रयुक्त तमंचा और कारतूस भी बरामद कर लिये है ।इस मामले मे तीन आरोपी फरार है जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।मामले का खुलासा एस एस पी दिलीप सिंह कुंवर ने कोतवाली मे किया। उन्होने बताया कि 12 अक्टूबर को अज्ञात लोगो ने पार्षद धामी को घर से बुलाकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसको लेकर पुलिस ने 7 टीमो का गठन किया था।तो पता चला कि पुर्व सभासद से धामी की रंजिश चल रही थी।जिस पर उसने 4 लाख देकर शार्प शूटर तैयार किये और धामी की हत्या करवा दी।पुलिस ने इस मामले मे एक शूटर अलीगढ़ निवासी राजकुमार कोगिरफ्तार कर लिया। उसपर कई मुकदमे दर्ज है ।एस एस पी ने कहा कि फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है

पुलिस के अनुसार राजनीतिक रंजिश के चलते स्थानीय हिस्ट्रीशीटर रहे पूर्व सभासद राजेश गंगवार ने अपने भाई अन्नू गंगवार के साथ मिलकर चार लाख रुपये सुपारी देकर अंतरराज्यीय शूटरों से पार्षद धामी की हत्या कराई थी। हत्याकांड में शामिल मुख्य साजिशकर्ता समेत छह बदमाश अभी फरार हैं।

एसएसपी डीएस कुंवर ने शनिवार की शाम कोतवाली में बताया कि हत्या में शामिल शूटर राजकुमार उर्फ बिट्टू उर्फ अभिषेक निवासी ग्राम बसेरा थाना पिसावा (अलीगढ़) को चिह्नित किया गया था। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 315 बोर का तमंचा, तीन कारतूस और एक मोबाइल बरामद किया गया है। एसएसपी ने बताया कि पार्षद की हत्या के बाद बदमाश हाईवे के टोल बैरियरों से बचते हुए यूपी भागे थे। इसके बाद राजेश गंगवार व अन्नू गंगवार भी फरार हो गए

पूर्व सभासद राजेश गंगवार और उसके भाई अन्नू गंगवार की पार्षद से थी रंजिश
एसएसपी ने बताया कि पुलिस को गोपनीय सूत्रों से पता चला कि भदईपुरा निवासी अन्नू गंगवार और उसके भाई पूर्व सभासद राजेश गंगवार धामी से रंजिश रखते थे। 2017 में राजेश गंगवार पर किशन नेपाली, बृजेश यादव और सोनू मिश्रा ने चुनाव के दौरान जानलेवा हमला किया था।

प्रकाश धामी की ओर से इन हमलावरों की पैरवी की जा रही थी। 2017 में प्रकाश धामी और राजेश गंगवार में विवाद भी हुआ था। नगर निगम चुनाव में प्रकाश धामी के निर्विरोध पार्षद चुने जाने से राजेश गंगवार का राजनीतिक भविष्य और स्थानीय वर्चस्व संकट में पड़ गया था। इसी से राजेश और उसका भाई अन्नू पार्षद धामी से रंजिश रखने लगे थे।

दोनों भाइयों ने पार्षद को ठिकाने लगाने की साजिश रच ली थी। राजेश और अन्नू ने अपने साथी दिनेश शर्मा निवासी सिसैया सितारगंज के साथ मिलकर अन्य राज्यों के पेशेवर शूटरों को पार्षद की हत्या करने के लिए चार लाख रुपये की सुपारी दी थी। एसएसपी ने बताया कि 12 अक्तूबर को एक कार में सवार पांच बदमाशों ने पार्षद धामी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड के खुलासे के लिए सात टीमों को लगाया गया था।

पिसावा थाने का हिस्ट्रीशीटर है राजकुमार
राजकुमार उर्फ बिट्टू उर्फ अभिषेक शातिर और दुर्दांत अपराधी है। वह थाना पिसावा अलीगढ़ का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, पुलिस मुठभेड़, मादक पदार्थों की तस्करी और आर्म्स एक्ट में 11 मुकदमे दर्ज हैं। राजकुमार पर पिसावा थाने में सात, थाना टापा जिला मथुरा में तीन और रुद्रपुर थाने में एक मुकदमा दर्ज है।

धामी की हत्या के लिए शूटरों को 10 दिन पहले बरेली बुला लिया गया था। साजिशकर्ता राजेश गंगवार और अन्नू गंगवार ने कार और हथियारों का इंतजाम किया। पार्षद की फोटो दिखाने के साथ ही दिनचर्या जानने के लिए रेकी भी कराई थी। कार में फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी। एसएसपी ने बताया कि नौ, दस अक्तूबर को शूटरों ने पार्षद के घर की रेकी की थी।

11 अक्तूबर को उसे मारने की योजना थी लेकिन शूटर इस दिन हत्याकांड को अंजाम नहीं दे पाए। 12 अक्तूबर को शूटर दिनेश शर्मा के साथ पार्षद के घर पहुंचे थे। नगर निगम से संबंधित कार्य बताकर जरूरी कागजों पर हस्ताक्षर करने की बात कही। पार्षद ने कागज देखते ही शूटरों से अंदर बैठने को कहा था। इसी बीच, शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पार्षद की हत्या कर दी।

सीओ अमित कुमार, कोतवाल नित्यानंद पंत, कोतवाल किच्छा उमेश मलिक, एसओजी प्रभारी संजय पांडे, कोतवाल ललित मोहन जोशी, कोतवाल नरेश चौहान, एसओ आईटीआई विद्यादत्त जोशी, एसओ दिनेशपुर अशोक कुमार, एसएसआई रुद्रपुर कुलदीप अधिकारी, सिडकुल चौकी इंचार्ज अनिल उपाध्याय, एसओजी उपनिरीक्षक अशोक कांडपाल आदि।

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