महाराष्ट्र की राजनीति में बहुत बड़ा उलटफेर हो गया है राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को उनके ही भतीजे अजित पवार ने रविवार को छुट्टी के दिन बड़ा झटका दिया है। अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों के शिंदे- फडणवीस सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार इसके पहले भी कई बार बागी तेवर अपना चुके थे।
महाराष्ट्र में बड़ा सियासी भूकंप देखने को मिला है, जहां अजित पवार ने शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद डेप्युटी सीएम पद की शपथ ले ली है। यह सब कुछ इतनी तेजी से हुआ, जिसको लेकर माना जा रहा है कि यह अजित पवार की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा था। बीते कई दिनों से अजित पवार समेत एनसीपी विधायकों का एक बड़ा धड़ा शरद पवार से नाराज चल रहा था। इसके चलते महाराष्ट्र की सियासत में सुपर संडे के दिन अजित ने विधायकों की अपने घर पर बैठक बुलाई थी। इसके बाद 53 में से 30 विधायकों का बड़ा समर्थन रखने वाले अजित राजभवन पहुंच गए। इसके साथ ही सीएम शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे और फिर 9 मंत्रियों समेत डिप्टी सीएम की शपथ ली।
अजित के साथ 30 विधायकों का समर्थन
महाराष्ट्र के नए डेप्युटी सीएम बने अजित पवार के पास तकरीबन 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है। हैरत की बात यह है कि शरद पवार के बेहद करीबी कहे जाने वाले प्रफुल पटेल, दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल भी राजभवन में अजित पवार के साथ पहुंचे हुए हैं।
5 में से 3 सांसद भी अजित पवार के साथ
कहा जा रहा है कि जिस तरह से शिवसेना में एकनाथ शिंदे ने अपना दावा ठोंका था। उसी तरह से अजित भी एनसीपी पर अपना दावा ठोंक सकते हैं। क्योंकि 53 विधायकों वाली एनसीपी के तीन सांसद भी अजित पवार का समर्थन कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र में एक बार फिर सरकार और पार्टी तोड़ो पार्ट-2 देखने को मिलेगा। साथ ही इस राजनीतिक उधेड़बुन से निकल पाना शरद पवार के लिए टेढ़ी खीर होगी।
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