उत्तराखण्ड के नैनीताल में उपजिला मजिस्ट्रेट/परगनाधिकारी ने बहुमूल्य मैट्रोपोल शत्रु संपत्ति से 124 अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए तहसीलदार, सी.ओ.और अधिशाषी अधिकारी को आदेश दिए हैं।
नैनीताल में मल्लीताल स्थित होटल मैट्रोपोल की संपत्ति को कुछ वर्ष पूर्व केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। तभी से इसपर काबिज लोग अवैध घोषित हो गए थे। उपजिला मजिस्ट्रेट/परगनाधिकारी ने राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका की एक टीम बनाकर सर्वे कराया और जुलाई 2020 में सर्वे रिपोर्ट संबंधित न्यायालय को सौंपी गई। इसके बाद मैट्रोपोल होटल कंपाउंड निवासी जमील अहमद को नोटिस जारी कर दस्तावेज मांगे गए जिसपर वो कोई मज़बूत दस्तावेज नहीं दिखा सके और उन्हें प्रशासन की(शत्रु संपत्ति)खाली करने को कहा गया।
भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने डी.एम.नैनीताल को 2 अगस्त 2010 को पत्र जारी कर संशोधन 2010 का ऑर्डिनेंस दिखाते हुए उक्त संपत्ति को शत्रु संपत्ति से हटाकर केंद्र सरकार के अधीन बताया। जिलाधिकारी और उप अभिरक्षक के निर्देशों के बाद मामले में, सभी अतिक्रमणकारियों को सुनवाई का मौका दिया गया।
इसके बाद उप जिला मैजिस्ट्रेट और अधिकृत अधिकारी शत्रु संपत्ति राहुल साह ने एक आदेश दिया। बीती 24 जून के हस्ताक्षर वाले इस आदेश के बाद नैनीताल के तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी और नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि खुद अतिक्रमण न हटाने पर दो सप्ताह में क्षेत्र से समस्त अतिक्रमण को बलपूर्वक हटा दें और इसका पूरा खर्चा अतिक्रमणकारियों से ही वसूलें।
ये भी कहा गया है कि भविष्य में अतिक्रमण करने या उसे हटाने में व्यवधान पैदा करने की स्थिति में संबंधितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाए। आदेश की एक कॉपी उप अभिरक्षक(शत्रु संपत्ति), जिलाधिकारी वंदना सिंह और एस.एस.पी.पंकज भट्ट को भी भेजी गई है। उपजिला मजिस्ट्रेट/परगनाधिकारी कार्यालय से आदेश जारी होने के बाद सभी 124 अतिक्रमणकारियों को ऑर्डर की कॉपी मुहैय्या करा दी गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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