उत्तराखण्ड के नैनीताल स्थित काठगोदाम और रानीबाग के जंगलों की सोशियल मीडिया में चली वनाग्नि की सूचना निकली भ्रामक। फायर कंट्रोल टीम लेकर पहुंचे डी.एफ.ओ.ने कहा भ्रामक जानकारी फैलाना अपराध है और ये कर्मचारियों का मनोबल भी तोड़ता है।
नैनीताल के डी.एफ.ओ.चंद्रशेखर जोशी ने सोशियल मीडिया में काठगोदाम और रानीबाग के जंगलों में चल रही आग के वीडियो देखकर त्वरित फायर कंट्रोल टीम के साथ खुद मौके का दौरा किया। क्षेत्र का पूर्ण निरीक्षण करने के बाद उन्होंने दावा किया है कि नैनीताल वन प्रभाग के जंगलों में कहीं भी एक्टिव फायर नहीं है।
नैशनल हाइवे 87 से रात में जारी इस वीडियो में वन विभाग के कर्मचारी सूखी घांस की सफाई करते दिख रहे हैं। डी.एफ.ओ.जोशी ने अपना एक वीडियो जारी कर कहा है कि नैनीताल वन प्रभाग की अग्नि नियंत्रण टीम रात में भी चौकस है। कहा कि रात्रि गश्त के दौरान अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र में आग की घटना की तलाश की गई।
इस क्षेत्र में कहीं भी आग की घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि सोशियल मीडिया में काठगोदाम रानीबाग के ऊपरी पहाड़ी जंगलों में वनाग्नि की सूचना आई थी, जिसपर क्षेत्र को भलीभांति तलाशा गया और पाया गया कि ये सूचना आज की नहीं है। डी.एफ.ओ.ने बताया कि उनके वन प्रभाग में वनाग्नि नियंत्रण के लिए एक रात्रि गश्त टीम बनाई गई है, जो त्वरित काम करती है।
उन्होंने सोशियल मीडिया में भ्रामक सूचना फैलाने वालों को चेताते हुए कहा कि ये एक दंडनीय अपराध है और इससे दिनरात काम कर आग बुझाने वाले कर्मचारियों का मनोबल टूटता है। उन्होंने ये भी कहा कि जंगल में आग लगाने वालों की साक्ष्य के साथ जानकारी देने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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