किसान आन्दोलन: सरकार कृषि कानून को होल्ड पर डालने का रास्ता ढूंढे और किसान विरोध का तरीका बदलें:सुप्रीम कोर्ट ..जानिए सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी बाते
- नई दिल्ली 18.DECEMBER 2020 GKM NEWS अन्नदाता पिछले कई दिनों से मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं…किसान इस खून जमा देने वाली ठण्ड में अपने हक के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं..न सरकार पीछे हट रही न ही किसान..किसान जो पूरे देश का पेट भर रहा है वो ही आज इस ठण्ड में अपने हक के लिए लड़ रहा है..इसके साथ ही कुछ मीडिया चैनल और भाजपा और कलाकारों के द्वारा किसानो को खालिस्तानी नेता भी कहा और अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाली कंगना रानौत ने किसानो पर अपशब्द कहे थे..लेकिन अब यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की और प्रदर्शन को किसानों का हक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को कहा। जानिए सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की 10 बड़ी बातें:
1. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि क्या सरकार अदालत को यह आश्वासन दे सकती है कि जब तक इस मामले पर कोर्ट सुनवाई न करे, केंद्र कानून को लागू न करें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस कानून को होल्ड पर डालने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा है।
2. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने कहा कि वह किसानों से बात करने के बाद ही अपना फैसला सुनाएगा। आज अदालत में किसी किसान संगठन के न होने की वजह से कमेटी बनाने को लेकर फैसला नहीं हो सका।
3. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी है इसलिए अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संगठनों के पास नोटिस जाना चाहिए।
4. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने का हक है लेकिन यह कैसे किया जाए इस पर चर्चा की जा सकती है।
5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं। केवल एक चीज जिस पर हम गौर कर सकते हैं, वह यह है कि इससे किसी के जीवन को नुकसान नहीं होना चाहिए।
6. सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि हम कृषि कानूनों पर बने गतिरोध का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान संघों के निष्पक्ष और स्वतंत्र पैनल के गठन पर विचार कर रहे हैं। इस पैनल में पी. साईनाथ, भारतीय किसान यूनियन और अन्य सदस्य हो सकते हैं।
7. यह कमेटी जो सुझाव देगी उसका पालन किया जाना चाहिए। तब तक प्रदर्शन जारी रखा जा सकता है लेकिन यह अहिंसक होना चाहिए।
8. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप इस तरह से शहर को ब्लॉक नहीं कर सकते और न ही हिंसा भड़का सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम किसानों के विरोध-प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं, लेकिन विरोध अहिंसक होना चाहिए।
9. सीजेआई ने कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से शहर के लोगों को भूखा रहना पड़ सकता है। आप किसानों का मकसद बातचीत के जरिए भी पूरा हो सकता है। सिर्फ प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होगा।
10. तीन कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि वो फिलहाल कानूनों की वैधता तय नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर किसान और सरकार वार्ता करें तो विरोध-प्रदर्शन का उद्देश्य पूरा हो सकता है और हम इसकी व्यवस्था कराना चाहते हैं।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
GKM News is a reliable digital medium of latest news updates of Uttarakhand. Contact us to broadcast your thoughts or a news from your area. Email: [email protected]