टीम इंडिया ने विदेशी ज़मीन पर गाड़े झंडे ..जानें कैसे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दी करारी शिकस्त.. कपिल देव व अन्य खिलड़ियों ने दी बधाई:देखे वीडियो
नई दिल्ली / मेलबर्न 30.DECEMBER 2020 GKM NEWS भारत ने ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) को दूसरे टेस्ट मैच में 8 विकेट से हराया. सच पूछिए तो ऐसी ऐतिहासिक और चमत्कारिक जीत तो सपने में भी नहीं मिलती है! ऐसा लगता है कि जैसे ऊपरवाला ही इतनी बेहतरीन जीत की पटकथा लिख रहा हो और टीम इंडिया के सारे खिलाड़ियों ने बस अपना अपना किरदार बखूबी निभाया हो. अंजिक्य रहाणे की कप्तानी में इस जीत को विदेशी ज़मीं पर किसी भी भारतीय टीम द्वारा हासिल सबसे उम्दा जीत कहा जा सकता है. जानकार और फैंस इस पर बहस कर सकते हैं,
मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की यह लगातार दूसरी और कुल चौथी जीत है. इससे पहले दिसंबर 2018 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में 137 रनों से पीट दिया था. तब भारत ने 37 साल बाद मेलबर्न में कोई टेस्ट मैच जीता था. इससे पहले भारत को साल 1978 और 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में लगातार जीत मिली थी. उस दौरान भी भारत ने मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच जीते थे. इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत को आठवीं टेस्ट जीत हासिल हुई है.
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 195 रनों पर समेट दिया था. इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में कप्तान अजिंक्य रहाणे (112) के शतक और रवींद्र जडेजा (57) के अर्धशतक की बदौलत 326 रन बनाए. पहली पारी के आधार पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर कुल 131 रनों की बढ़त बनाई. इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 200 रनों पर ढेर कर 8 विकेट से चौथे दिन ही मैच जीत लिया. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच 7 से 11 जनवरी तक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में खेला जाएगा.
टीम इंडिया ने कंगारुओं के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है. भारत ने मेलबर्न में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से मात दे दी. एडिलेड में हार के बाद भारत ने मेलबर्न में कंगारुओं से बदला ले लिया.
दौर के सबसे बेहतरीन आक्रमण के ख़िलाफ़ मिली जीत
1968 में न्यूज़ीलैंड से लेकर 2020 में ऑस्ट्रेलिया में विदेशी ज़मीं पर हर 52 जीत के आक्रमण पर नज़र दौड़ाएंगे तो शायद ही पाएंगे कि विरोधी टीम अपने सर्वश्रेष्ठ आक्रमण के साथ खेल रही थी. 1971 में ओवल में इंग्लैंड आक्रमण में जॉन स्नो, रेमंड इलिंगवर्थ और डेरेक अंडरवुड जैसे शानदार गेंदबाज़ थे, 1976 में पोर्ट ऑफ स्पेन में 403 रन के चेज़ में कैरेबियाई आक्रमण के पास सिर्फ एक युवा माइकल होल्डिंग ही था, 1980 में मेलबर्न में कंगारुओं के पास डेनिस लिली-लेन पास्को की जोड़ी ही थी,
2001 कैंडी में श्रीलंका के पास मुरलीधरऩ और चामिंडा वास ही थे. 2006 में साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ डेल स्टेन, मखाया एंटिनी, शॉन पॉलक और जैक कैलिस का आक्रमण तगड़ा था और 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड में भी ऑस्ट्रेलिया के पास जोश हेज़लवुड, मिचेल स्ट्रार्क, पैट कमिंस और नाथन लॉयन का अदभुत आक्रमण था. लेकिन, तब भारत सीरीज़ में 0-1 से पीछे नहीं चल रहा था. और ना ही अपने दौरे से सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ और गेंदबाजों के बगैर टेस्ट में उतरे थे.
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