उत्तराखण्ड के नैनीताल में बी.डी.पाण्डे अस्पताल क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए जे.सी.बी.और भारी भरकम ड्रिलर मशीन चलाने का दुष्परिणाम पहाड़ दरकने और घरों में दरारें आने से दिखने लगा है।
नैनीताल के मल्लीताल में बी.डी.पाण्डे अस्पताल की भूमि में काबिज 40 से अधिक अतिक्रमणकारियों को हटाने संबंधी जनहित याचिका में वर्ष 2014 के एक आदेश के पालन के लिए उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था। इसी क्रम में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी का समय पूरा होने के बाद प्रशासन ने 14 सितंबर से अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया था।
पहले कच्चे निर्माणों को हटाया गया फिर लेबर ने घन हथोड़े से अवैध निर्माण ध्वस्त किया लेकिन इसी के साथ प्रशासन ने 3 जे.सी.बी.मशीन और वाइब्रेटर ड्रिलर मशीन चलाकर तेज गति से अतिक्रमण हटाने शुरू किया।
आशंकि जताई जा रही है कि इससे उत्पन्न वाइब्रेशन से वहां के पहाड़ पर इतना बुरा असर पड़ा कि आज सवेरे वहां भूस्खलन शुरू हो गया। इससे वहां बने दर्जनों घरों को खतरा हो गया है। इन घरों में दरारें आने का डर लगने लगा है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि 1995 में बनी रिटेनिंग वॉल(सुरक्षा दीवार)अतिक्रमण ध्वस्तीकरण में लगी मशीनों की वजह से आज तड़के सवेरे गिर गई है। इससे अब ऊपर की तरफ बने दर्जनों और फिर दर्जनों मकानों को खतरा बन गया है।
बाईट :- कन्नू खम्पा, पीड़ित।
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