उत्तराखण्ड के नैनीताल में अस्पताल की कथित लापरवाही से प्रसिद्ध ब्लॉगर अमित साह की मौत के बाद स्वास्थ्य सचिव से शिकायत और कैंडल जलाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन हड़ताल पर चला गया था।
सी.एम.ओ., एस.डी.एम. और सी.ओ.की मौजूदगी में अस्पताल प्रबंधन से हुई वार्ता के बाद हड़ताल को वापस लेने का निर्णय लिया गया। साथ में पुलिस को अस्पताल की समय समय पर गश्त लगाकर किसी भी खतरे से बचने के आदेश दिए गए।
नैनीताल में बीते सोमवार की रात ब्लॉगर, फोटोग्राफर, ट्रैकर और फ़ोटो जर्नलिस्ट अमित साह की तबियत खराब होने के बाद सवेरे 5:30बजे मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ और इमरजेंसी मैडिकल अधिकारी पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद बुधवार को निरीक्षण के लिए पहुंचे स्वास्थ्य सचिव आर राजेश से अमित के परिजन मीले और उन्होंने अपनी व्यथा रखी। इसके बाद सचिव ने जांच के आदेश दे दिए और महकमे के जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों को देहरादून तलब कर लिया।
गुरुवार से अस्पताल के डॉक्टरों, कर्मचारियों और प्रबंधन ने अपनी मांगों को मांगते हुए तीन घंटे कार्य बहिष्कार का फैसला लिया। मांग पूरी नहीं होने पर पूर्ण कार्य बहिष्कार का कदम उठाते ही आज सी.एम.ओ.भागीरथी जोशी, एस.डी.एम.प्रमोद कुमार, कार्यवाहक सी.ओ.नितिन लोहानी, कोतवाल धर्मवीर सोलंकी और डॉक्टर और कर्मचारियों के बीच एक बैठक हुई।
एस.डी.एम.प्रमोद कुमार ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि हड़ताल को वापस लिया जाएगा, अस्पताल में समय समय पर गश्त की जाएगी और इसके साथ ही सीसी.टी.वी.का अवलोकन कर कानून की अवहेलना करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस बीच न्याय मांग करते हुए लगातार तीसरे दिन अमित के परिजन कैंडल जलाकर और श्रद्धांजलि देकर ‘न्याय दो’, ‘जस्टिस फ़ॉर अमित’ की मांग कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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