उत्तराखंड के देहरादून में बीते दिनों मसूरी के एक होमस्टे में मुठभेड़ के दौरान दरोगा को गोली मार रहे बदमाश का लाइव वीडियो सामने आ गया है। सोशल मीडिया में वीडियो खूब वॉयरल हो रहा है। वीडियो में बदमाश दरोगा पर सीधे फायर झोंक रहा है। जबकि साथ गए पुलिस कर्मी मुठभेड़ के दौरान सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं जब कि बदमाश फायर झोंकने के बाद मौके से जान बचाते हुए भाग गया।
बदमाश को पकड़ने मसूरी के होमस्टे में गए पुलिसकर्मियों की दबिश का कदम लापरवाही भरा सामने आया है। दरोगा मिथुन कुमार को गोली लगने के बाद भी उन्होंने बदमाश शुभम पर गोली नहीं चलाई और घटना की सूचना भी काफी देरी से दी। कोल्हूखेत पहुंचकर देहरादून में अपने एसओ को सूचित किया।
यदि दरोगा को गोली लगने के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी जाती तो शुभम को पहले ही घेरा जा सकता था।इस सब घटनाक्रम में बदमाश शुभम को इतना वक्त मिल गया कि उसने न सिर्फ टैक्सी किराये पर ली बल्कि उसमें बैठकर कुठालगेट तक पहुंच गया। यहां तक आने में उसे तकरीबन 40 मिनट का समय लगा होगा।
शुभम को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही की चारों ओर निंदा हो रही है। अब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। इसमें साफ दिख रहा है कि कमरे के बाहर गलियारे में पुलिसकर्मी तैनात हो गए थे। लेकिन, किसी के हाथ में हथियार नहीं था। इसके बाद बाहर से कुंडी भी लगा दी गई।
काउंटर के पास एक अन्य पुलिसकर्मी खड़ा हो गया जबकि मिथुन कुमार दरवाजे के बाहर खड़े हो गए।एक दरोगा ने बाहर से कुंडी खोली तो शुभम मय असलहा बाहर निकलकर आ गया। जैसे ही मिथुन कुमार ने शुभम को पकड़ने की कोशिश की उसने पेट में गोली मार दी। मिथुन कुमार वहीं पर खड़े हो गए। एक दरोगा ने उन्हें संभाला जबकि दूसरा अन्य पुलिसकर्मियों के साथ शुभम की ओर भागा। जबकि, होना चाहिए था कि होमस्टे के गेट पर भी मुस्तैदी से खड़ा होना था।
इसके बाद मिथुन कुमार को लेकर साथी पुलिसकर्मी देहरादून की ओर चल पड़े। वहां भी उन्होंने स्थानीय मसूरी पुलिस को सूचित नहीं किया।सूत्रों के अनुसार कोल्हूखेत के पास आकर इन्होंने अपने एसओ यानी एसओ रायपुर को फोन किया। उन्होंने उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए वायरलेस पर घटना के संबंध में जानकारी दी। इस सब में शुभम को भागने के लिए भरपूर समय मिल गया।
शुभम का नाम रजिस्टर में देखकर पुलिस को इतना तो पता चल ही गया था कि शुभम अंदर है। इसी बात को देखते हुए उन्होंने कमरे की कुंडी को बाहर से बंद कर दिया था। यह भी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में साफ देखी जा सकती है।
इतना सब होने के बाद भी किसी भी पुलिसकर्मी ने अपने असलहे को कमरबंद से बाहर नहीं निकाला। एक दरोगा तो हथियार के बजाए हाथ में मोबाइल लिए फुटेज में दिख रहा है। इतनी लापरवाही सामने आने के बाद दोनों दरोगाओं को सोमवार को ही सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस मामले में दरोगाओं की लापरवाही की विस्तृत जांच चल रही है।
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