मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सोमवार (31 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. शिकायतकर्ता ने शीर्ष अदालत से राहुल गांधी की याचिका खारिज करने की मांग की है. राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी. मामले पर अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में कहा, “राहुल गांधी को राहत देने का कोई आधार नहीं है. उनका आचरण घमंड भरा है. बिना वजह एक पूरे वर्ग को अपमानित करने के बाद उन्होंने माफी मांगने से मना किया. निचली अदालत से सजा पाने के बाद भी वह घमंड भरा बयान देते रहे. सिर्फ संसद सदस्यता बचाने के लिए दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है.”
SC ने जवाब दाखिल करने के लिए दिया था 10 दिन का समय
इससे पहले 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की अपील पर गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता से कहा था कि वे अपना जवाब दाखिल करें.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की बेंच ने गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी करते हुए उन्हें हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए दस दिन का समय दिया था. इसी के साथ कोर्ट ने राहुल की दोषसिद्धि पर रोक संबंधी मामले की सुनवाई 4 अगस्त के लिए तय कर दी थी।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. पूर्णेश मोदी ने कहा है कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम रखने वाले समाज के एक बड़े तबके की मानहानि की. बिना वजह एक पूरे वर्ग को अपमानित करने के बाद भी राहुल गांधी ने कोई पछतावा जाहिर नहीं किया. उनका रवैया हमेशा घमंड भरा रहा. उन्होंने उन लोगों से माफी मांगने से इंकार कर दिया, जिनकी उन्होंने मानहानि की. यही नहीं, सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वो माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि वो सावरकर नहीं हैं, बल्कि गांधी हैं।
पूर्णेश मोदी ने जवाब में कहा है कि राहुल गांधी का बयान देश के प्रधानमंत्री के प्रति उनकी नफरत को दर्शाता है. उनकी नफरत इस कदर ज्यादा है कि उन्होंने उनके जैसा मोदी सरनेम रखने वाले समाज की मानहानि कर डाली. बयान के वक्त राहुल गांधी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का अध्यक्ष थे और सांसद थे. उनसे अपेक्षा की जाती है कि वो राजनीतिक बहस का एक स्तर बनाये रखें. लेकिन उन्होंने एक पूरे तबके को ही चोर बता डाला।
राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक की मांग की है. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो सके, इसके लिए जरूरी है कि उनको दोषी ठहराए जाने के फैसले पर भी रोक लगे. अभी सिर्फ सेशन कोर्ट से उनकी सजा निलंबित है. 21 जुलाई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इसी को लेकर पूर्णेश मोदी ने जवाब दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट में आगे इस मसले की सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
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