धराली : चुनौतियों के बीच मिशन रेस्क्यू जारी,400 लोग बचाए गए,BRO युद्ध स्तर पर जुटा..


उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के हर्षिल और धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों की राह में सबसे बड़ी बाधा बना है खराब मौसम। बुधवार सुबह से क्षेत्र में लगातार बारिश और बादल छाए रहने के कारण राहत अभियान प्रभावित हुआ। पहाड़ी इलाकों में मूसलधार बारिश के चलते रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। प्रशासन, सेना और एयरफोर्स की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन मौसम की मार इन प्रयासों को धीमा कर रही है।
बुधवार को दो और लोगों के शव मिलने से मरने वालों की संख्या छह हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता है। इनमें सेना के नौ जवान भी बताए जा रहे हैं।
बचाव अभियान में आपदा प्रबंधन बलों के साथ सेना और ITBP की टीमें जुटी हैं। मंगलवार रात से 400 से ज्यादा लोग बचाए गए।
लापता लोगों की तलाश जारी, सेना ने बढ़ाई तैनाती
हर्षिल क्षेत्र में भारतीय सेना के 9 जवान अब भी लापता हैं, जिनमें एक जेसीओ (जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर) शामिल हैं। इसके अलावा कुल 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना की 225 सदस्यीय टीम राहत कार्यों में लगी है, जिसमें पैदल सैनिकों के साथ-साथ इंजीनियरिंग यूनिट भी शामिल हैं। सेना की इंजीनियरिंग टीम मलबा हटाने और रास्ते बहाल करने में जुटी है।
RECCO रडार तकनीक और सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है। रिमाउंट एंड वेटरिनरी कोर से विशेष प्रशिक्षित डॉग यूनिट्स भी मौके पर पहुंची हैं।
BRO युद्धस्तर पर जुटा, NH-34 पर सबसे ज्यादा नुकसान
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरकाशी-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-34) पर कई स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पापड़गाड़ के पास करीब 100 मीटर सड़क बह गई है, वहीं धराली के समीप भारी भूस्खलन और मलबा जमा हो गया है। प्रोजेक्ट शिवालिक के तहत BRO की टीमें तेजी से सड़क मरम्मत और यातायात बहाल करने के प्रयास में लगी हैं।
एयरफोर्स की ताकत, लेकिन मौसम ने डाली बाधा
भारतीय वायुसेना ने रेस्क्यू मिशन में अपनी ताकत झोंक दी है। बरेली एयरबेस से Mi-17 और ALH Mk-III हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से उड़ान भरना मुश्किल हो गया। वहीं, आगरा एयरबेस से AN-32 और C-295 विमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) तक पहुंचे हैं। इन विमानों ने न सिर्फ राहत सामग्री पहुंचाई, बल्कि लगभग 110 लोगों को सुरक्षित निकालकर लाया भी गया।
गौर करने वाली बात यह है कि **C-295 विमान पहली बार किसी रेस्क्यू मिशन में शामिल हुआ है। साथ ही चंडीगढ़ से चिनूक हेलिकॉप्टर भी राहत कार्यों के लिए मौके पर पहुंचे हैं। राहत अभियान में शामिल एयरफोर्स बेस रातभर एक्टिव रहे, ताकि किसी भी समय उड़ान भरने का अवसर मिलते ही तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।

मुख्यमंत्री ने हेली रेस्क्यू को और प्रभावी बनाने के निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने NDRF, SDRF और जिला प्रशासन के साथ बैठक कर ग्राउंड रिपोर्ट ली और अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत कार्यों में कोई ढिलाई न बरती जाए। मुख्यमंत्री ने हेली रेस्क्यू ऑपरेशंस को और प्रभावी बनाने, सड़क, संचार और बिजली की आपूर्ति को शीघ्र बहाल करने, तथा पेयजल और खाद्यान्न वितरण की सघन निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

राहत शिविरों में भोजन, दवाइयों और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि प्रभावितों को किसी तरह की असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस संकट की घड़ी में पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
उत्तराखंड के सांसद पहुंचे पीएम के पास, पीएम ने जताई संवेदना
उत्तराखंड से बीजेपी सांसद अनिल बलूनी, राज्यलक्ष्मी शाह, त्रिवेंद्र सिंह रावत और अजय भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें धराली में आई आपदा की विस्तृत जानकारी दी। अनिल बलूनी ने बताया कि प्रधानमंत्री इस त्रासदी से अत्यंत दुखी और चिंतित हैं और स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है और केंद्र सरकार की ओर से सभी जरूरी संसाधनों को तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।


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