उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कूड़ा निस्तारण और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट संबंधी जनहित याचिका में उपस्थित चार बड़े अधिकारियों से इस काम को वरीयता से लेकर सामान्य काम के लिए देखने को कहा है। खंडपीठ ने कहा कि हम इस राज्य को साफ सुथरा देखना चाहते हैं, इसलिए गंदगी को साफ करें तांकि लोग गंदगी न फैंकें।
आज मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ के सामने कूड़ा निस्तारण और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट संबंधी जनहित याचिका में आयुक्त दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार, सचिव वन एवं पर्यावरण विजय कुमार यादव और मैम्बर सेक्रेटरी पॉल्यूशन बोर्ड पटनायक व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे। न्यायालय ने मौजूद अधिकारियों से कूड़ा निस्तारण के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बारे में सवाल किया। न्यायालय ने कहा कि कूड़ा जमा करने के लिए जागरूक अभियान शुरू करो, जो कूड़ा जमा करेगा वो कूड़े को इधर उधर नहीं फेंकेगा।
न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने प्लास्टिक कूड़े को जमा कर रिसाइकलर तक पहुंचाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं। पूर्व में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने इस कार्यवाही में प्रदूषण बोर्ड के 2 दिसंबर 2022 के 1700 से अधिक फैक्ट्री बंदी के आदेश पर भी सुनवाई करते हहुए उन्हें एक हफ्ते के लिए तालाबंदी से मुक्त रखने को कहा था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने न्यायालय को क्षेत्र में कूड़े की हकीकत और नियमों के उल्लंघन से अवगत कराया।
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत से कूड़ा निस्तारण मामले में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंडल में 782 वेस्ट स्पॉट थे जिसमें से 500 से अधिक को साफ कर लिया गया है। कहा कि मंडल के सभी जिलाधिकारी और एस.डी.एम.को सर्वे कर कूड़ा खत्म करने को कहा गया है। क्षेत्र में 3101 दौरे किये गए हैं। पहले कूड़ा रखने की जगह नहीं थी लेकिन अब बना ली गई है। आयुक्त ने माना कि सिंगल वेस्ट प्लास्टिक में बहुत काम नहीं किया जा सका है। नैनीताल में डोर टू डोर काम शुरू हो रहा है। हल्द्वानी में ‘बैंडी सेना’ काम कर रही है। पिछले 20 दिनों में ‘बैंडी सेना’ ने 20 लाख रुपये का राजस्व जमा कर लिया है। दीपक रावत ने खंडपीठ से कहा कि उनकी टीम ने पंतनगर में एक प्लास्टिक सामान बनाने वाली फैक्ट्री को बीते दिवस सील किया है। वन क्षेत्र में भी कूड़ा किया जा रहा है जिसमें वन विभाग से बात कर 102 चालान किये गए हैं। नैनीताल में प्लास्टिक कूड़ा कम है लेकिन हलद्वानी में प्लास्टिक कूड़ा है जिसे जल्द रोक दिया जाएगा।
इसके अलावा गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि गढ़वाल में रुद्रप्रयाग और चमोली में कूड़ा बचा है, जबकि अन्य जिलों में काफी हद तक साफ कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि देहरादून और हरिद्वार में कूड़े को कम्पोस्ट बनाया जा रहा है। ये भी कहा कि होटल व अन्य जगहों में कूड़ा निस्तारण नहीं होने पर उनके बड़ी संख्या में चालान किये गए हैं। न्यायालय ने कहा कि प्रदेश में आ रही गाड़ियों में कूडे का बैग होना चाहिए, जिसपर आयुक्त ने आश्वासन दिलाया कि आगामी आर.टी.ए.की बैठक में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा। खंडपीठ ने सभी जिला पंचायतों को कहा है कि वो कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित करें।
इसके अलावा न्यायालय ने सभी होटलों और रेस्टोरेंटों को कूड़ा जमा कर कूड़ा निस्तारित करने वाले वेंडर तक खुद पहुंचाने को कहा है। न्यायालय ने उन कंपनियों को 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है जिन्होंने पॉल्यूशन बोर्ड में पंजीकरण नहीं किया है। अगली सुनवाई फरवरी के द्वितीय सप्ताह में तय की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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