उत्तराखण्ड के नैनीताल में कोयले की गैस लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर शवों को कब्जे में ले लिया है। वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा की इस तरह के हादसों से बचने के लिए कोयले की गैस वाले स्थान में हवा होनी जरूरी है।
नैनीताल में हाईकोर्ट के समीप अस्थाई रूप से रहने वाले उत्तर प्रदेश(यू.पी.)के तीन मजदूरों की मौत हो गई। रविवार से अंगीठी में जलाई गई आग सोमवार देररात तक जलती रही जिससे गैस उत्पन्न हो गई। इससे, तीनों मजदूर अपने अस्थाई ठिकाने में सोते रह गए। कमरे में हवा की जगह नहीं होने के कारण कोयले की गैस उन्हें लग गई और वो असहज हो गए। साथियों ने जब उन्हें देखा तो उन्हें तत्काल डेढ़ बजे रात बी.डी.पाण्डे अस्पताल लाया गया।
जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने 25 वर्षीय राजकुमार और 21 वर्षीय अवनीश को मृत घोषित कर दिया, जबकि 21 वर्षीय मनिंदर को हल्द्वानी हायर सेंटर रैफर किया गया। बताया जा रहा है कि आज सवेरे मनिंदर ने भी दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार ये श्रमिक हाईकोर्ट में बन रहे एक चैम्बर के निर्माण के लिए यू.पी.से आए थे। वहीं पास में अस्थाई निर्मित कमरे में रह रहे थे, जब ठंड से बचाव के लिए जलाई गई अंगीठी की गैस से तीनों की जान चली गई।
वरिष्ठ चिकित्सक एम.एस.दुगताल ने बताया कि ठंड से बचाव के लिए जलाए गए कोयले की गैस घातक होती है और लापरवाही जान ले लेती है। कहा कि कमरे में शुद्ध हवा के आने का स्थान जरूर होना चाहिए और बीच बीच में वहां मौजूद लोगों ने बाहर जाकर शुद्ध हवा में सांस लेनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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