उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी में खेती के लिए बनाई गुल(नहर/कैनाल)से अतिक्रमण हटाने सम्बन्धी जनहित याचिका में सिंचाई विभाग को तत्काल गुल को शुरू करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नॉर्दन इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के नियमों का पालन करते हुए गुल से अतिक्रमण हटाने, गुल को दोबारा जोड़ने और उसमें पानी चलाने के लिए कहा है।
भगवानपुर निवासी कृषक रघुवीर सिंह ने जनहित याचिका दायर कर एस.डी.एम.की पी.पी.एक्ट में बेदखली की सुनवाई में लंबा समय लगने की बात कहते हुए गुलों को सुचारू करने की प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा कि एस.डी.एम.की व्यस्तता के कारण गुलों में अतिक्रमण या गुल बन्द होने के मामले लटके हुए हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया की न्यायालय के आदेश पर एक संयुक्त निरीक्षण हुआ था जिसमें कहा गया था कि भगवानपुर में गुल(कैनाल)को कहीं बंद कर दिया गया है, कहीं उसका रास्ता बदल दिया गया है और कहीं उसपर अतिक्रमण कर लिया गया है।
सुनवाई के बाद आज न्यायालय ने कहा है कि नॉर्दन इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट के अंतर्गत सिंचाई कर्मचारियों को सीधे अतिक्रमण हटाने की शक्ति मिली है, उसके तहत भगवानपुर क्षेत्र में कार्यवाही की जानी चाहिए। इससे वो गुल को दोबारा स्थापित कर पानी शुरू करा सकते हैं। इस शक्ति से कर्मचारी अतिक्रमण को भी तत्काल तोड़ या हटा सकते हैं।
न्यायालय ने पब्लिक प्रेमिसिस(पी.पी.)एक्ट में कार्यवाही कर मामलों को लटकाने पर नाराजगी जताई है। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उनके आदेशों का इंतजार किये बगैर संबंधित क्षेत्र की गुलों से अतिक्रमण हटाया जाए ।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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