उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार की स्पेशल अपील को खारिज कर दिया है। एकलपीठ ने अशासकीय सहायता प्राप्त विघालयों में कार्यरत तृतीय संवर्ग के मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ एक जनवरी 2013 से देने के आदेश पारित किये थे।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद ये निर्णय लिया। मामले के अनुसार सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें एकलपीठ ने तृतीय संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ एक जनवरी 2013 से देने के आदेश पारित किये थे।
एकलपीठ की ओर से पारित आदेश, जिसमें अशासकीय सहायता प्राप्त समस्त उत्तराखंड में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को ग्रेड वेतन का लाभ बीस अक्टूबर 2016 से देने के आदेश पूर्व में पारित किए थे। जबकि राजकीय विघालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को यह लाभ एक जनवरी 2013 से दिया जा रहा है।
अशासकीय विघालयों में कार्यरत मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों की ओर से नारायण दत्त पांडे व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। एकलपीठ ने कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय देते हुए कर्मचारियों को एक जनवरी 2013 से यह लाभ देने के निर्देश दिए थे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हरेंद्र बेलवाल की ओर से न्यायालय को अवगत कराया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विघालयों में यह लाभ अध्यापकों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को पूर्व से दिया जा रहा है। एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ सरकार ने उच्च न्यायालय में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी थी। खंडपीठ ने आज सरकार की विशेष अपील को खारिज करते हुए एकलपीठ के आदेश को सही माना है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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