हाईकोर्ट का सरकार से जवाब तलब,एक दिन की मोहलत.. एक्ट में बिना संशोधन भू उपयोग मामला

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नैनीताल :- उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने शहरी विकास नियोजन एक्ट में संशोधन किए बिना ही आवासीय क्षेत्र का भू-उपयोग व्यवसायिक करने की सरकार की उप समन विधि को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार को एक दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं और मामले की अगली सुनवाई की तिथि 6 मई निर्धारित की है ।


मामले के अनुसार देहरादून निवासी सेवानिवृत्त टाउन प्लानर एच.सी.घिल्डियाल ने उप समन विधि को चुनौती देते हुए कहा कि इस विधि के अनुसार एक शासनादेश के माध्यम से किसी क्षेत्र विशेष का वन टाइम मेजर के नाम पर भू उपयोग बदलने की अनुमति दे दी जा रही है और आवासीय क्षेत्र का व्यवसायिक उपयोग की अनुमति दे दी जा रही है । जबकि अर्बन डेवलपमेंट प्लानिंग एक्ट के सेक्शन 30 के अनुसार बिना एक्ट में संशोधन किए किसी भी शहर के मास्टर प्लान में बदलाव नहीं किया जा सकता है । न्यायालय ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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