ओवरस्पीडिंग से हादसे रोकने के लिए हाईकोर्ट ने मांगा प्लान,युवाओं के लिए नई उम्र सीमा की मांग!

ख़बर शेयर करें

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गाड़ियों की ओवर स्पीड से हो रही दुर्घटनाओं संबंधी जनहित याचिका में आई.जी.ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी से कहा है कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या बेहतर किया जा सकता है, इसपर अपने सुझाव 6 सप्ताह में दें। मामले की सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की तिथि तय की गई है।


उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम संबंधी एक जनहित याचिका में पूर्व के आदेश पर आज विडिवो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आई.जी.ट्रैफिक अरुण मोहन जोशी न्यायालय में उपस्थित हुए।

उन्होंने अवगत कराया कि ओवर स्पीड वाहनों को रोकने के लिए यातायात पुलिस कार्य कर रही है और ओवर स्पीड से चल रहे वाहनों का चालान करने के साथ ही कई जगहों पर सी.सी.टी.वी.कैमरे और रोड पर सेंसर लगाए गए हैं।

न्यायालय ने इन्हें रोकने के लिए अपने अन्य सुझाव दाखिल करने को कहा।


आपकों बता दे कि उच्च न्यायलय के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा की आये दिन 18 से 25 साल के नौजवान ओवर स्पीड में वाहन चलाने से मौत का कारण बन रहे हैं। आजकल वाहनों में कई तरह के फीचर आ गए है, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं होती है। वर्तमान में नौजवान स्पोर्ट मोड़ पर वाहन चलाते हैं जिसकी वजह से वो हादसे का शिकार हो रहे हैं।

स्पोर्ट मोड़ में वाहन चलाने लायक प्रदेश की सड़कें उस लायक नही हैं, क्योंकि यह पहाड़ी राज्य है। यहां सड़कें संकरी और घुमाउदार हैं। ऊपर से नौजवान ऐल्कॉहॉलिक स्थिति में वाहन चला रहे है, इसलिए 1000 से 2000 सी.सी.की गाड़ी चलाने के लिए उनकी उम्र 25 साल निर्धारित की जाय। जैसे कि 16 से 18 वर्ष के युवकों के लिए 50 सी.सी.तक वाहन चलाने का प्रावधान निर्धारित है। इसलिए राज्य सरकार बड़े वाहन चलाने के लिए उम्र का निर्धारण करे।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -

👉 Join our WhatsApp Group

👉 Subscribe our YouTube Channel

👉 Like our Facebook Page