हाईकोर्ट ने भु-कानून के नोटिस पर लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

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उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के भु-कानून के नियमों और प्रावधानों को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद प्रशासन द्वारा याचिकाकर्ता को जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होनी तय हुई है।


मामले के अनुसार, क्षितिज शर्मा व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार के भु-कानून के नियमों को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि उनके द्वारा इस राज्य में खरीदी गई जमीन की सेल डीड को अवैध बताते हुए उन्हें नोटिस जारी किया गया है, जो गलत है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि अब सरकार ने उनपर अनावश्यक रूप से लेंड रिवेन्यू एक्ट के तहत कई प्रतिबंध लगा दिए हैं, जबकि वे उत्तराखंड के मूल निवासी हैं और रोजी रोटी कमाने के लिए प्रदेश से बाहर गए हैं। याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध स्थानीय लोगों पर लगाया जाना संविधान के विरुद्ध है।

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2003 में नियमों में बदलाव कर प्रदेश में भूमि की खरीद फरोख्त को रोकने की मंशा से भु-कानून लागू किया, जबकि राज्य सरकार ने भु-कानून के नियमों में काश्तकारों के हितों की रक्षा के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया है, जो कि अंसवैधानिक है।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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