हाईकोर्ट ने कहा दिव्यांगजन वंचित हैं_सरकार बताए कब लागू होगी केंद्र की योजनाएं..

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उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में आज सभी जिलों में स्थापित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों में विशेषज्ञ स्टॉफ की तैनाती संबंधी मांग वाली जनहित याचिका में सचिव स्वास्थ्य, सचिव समाज कल्याण और गढ़वाल व कुमाऊं के आयुक्त तलब हुए। खंडपीठ ने सरकार से 14 फरवरी तक केंद्र की दिव्यांगजन के लिए बनाई योजनाओं को लागू करने का समय पूछा ? न्यायलय ने इसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा।

सचिव स्वास्थ्य ने माना की दिवयांगजनो को केंद्र सरकार की ओर से जारी सभी योजनाओ का लाभ नहीं मिल रहा है, इसे लागू करने के लिए समय मांगा। इनको सुनने के बाद न्यायालय ने एक माह का समय देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तिथि तय की है।


अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है। दिव्यांगो की संख्या भी अधिक है। जबकि इनकी सहायता के लिए केंद्र सरकार की फ्री योजना है। राज्य सरकार को कोई खर्चा नहीं करना है। तब भी राज्य सरकार केंद्र की योजना का लाभ इन्हें नहीं दे रही है।


आपकों बता दे कि मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों की संस्था ‘रोशनी’ की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा कि केंद्र सरकार के फंड से हर जिले में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खुला है।

इन केंद्रों में अलग अलग श्रेणी के दिव्यांगजनों की मदद के लिये विशेषज्ञ स्टॉफ की नियुक्ति व अन्य ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करानी होती हैं। जिसका समस्त खर्चा केंद्र सरकार वहन करती है। किंतु टिहरी जिले को छोड़ किसी जिले में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिस कारण इस अति महत्वपूर्ण सुविधा के लाभ से दिव्यांगजन वंचित हैं।

वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती

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