उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चमोली जिले के हॉट गांव में लगभग 1000 वर्षो से स्थापित प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर के आसपास हो रहे डंपिंग पर रोक लगा दी है।
न्यायालय ने कन्दर की मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, डायरेक्टरेट ऑफ कल्चर उत्तराखंड, मिनिस्ट्री ऑफ फारेस्ट एंड एनवायरनमेंट चेंज, केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 दिसंबर तक जवाब देने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
मामले के अनुसार ग्रामसभा हॉट ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा की चमोली डिस्ट्रिक्ट के हॉट गांव की 1000 साल प्राचीन संस्कृति है। वहीं एक लक्ष्मीनारायण का प्राचीन मंदिर है जो 1000 साल से भी पुराना है और उसी के आस पास बहुत सारे अन्य मंदिर बने हैं। उनकी जमीन डिस्प्लेसमेंट के बाद अधिग्रहण की गई, उनको कहीं और शिफ्ट किया गया। याचिका में ये भी कहा गया कि लक्ष्मीनारायण मंदिर और पूरे गांव व आसपास के सभी मंदिरों में बहुत भारी मात्रा में लगातार मलबा पड़ रहा था, जिसकी रोक के लिए न्यायालय से मांग की गई थी। आज न्यायालय ने सुनवाई के बाद क्षेत्र में डंपिंग पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने कहा कि मंदिर के आसपास और गांव की किसी भी अप्रोच रोड पर किसी प्रकार की डंपिंग नहीं होगी।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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