उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने रूड़की के लंढौरा में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं किये जाने के मामले में दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर रेलवे(नार्दन रेलवे)के मुखिया को 26 सितम्बर को वुर्चअली कोर्ट में पेश होने को कहा है।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने लंढौरा निवासी सुभाष चंद की तरफ से दायर जनहित याचिका को सुनते हुए ये निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि न्यायालय ने वर्ष 2018 में रेलवे को लंढौरा में रेलवे लाइन पर ओवर ब्रिज बनाने के निर्देश दिये थे, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
यही नहीं रेलवे ने ओवर ब्रिज को बड़े वाहनों के लिये बंद कर दिया है। ब्रिज बंद होने से क्षेत्र के लोगो को 35 किलोमीटर अधिक जाना पड़ रहा है। इससे लंढौरा के सात गांव प्रभावित हो रहे हैं। कहा गया कि छात्र न तो स्कूल जा पा रहे हैं और न ही किसान अपनी फसल को बाजार तक पहुंचा पा रहे हैं। प्रदेश सरकार और रेलवे इस मामले में कुछ नहीं कर रही है और न ही रेलवे की ओर से न्यायलय में शपथपत्र दिया गया। बताया गया की पुल 125 वर्ष पुराना है। पूर्व में न्यायालय ने इसे बनाने के आदेश भी दिये थे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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