उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार के मंगलौर से बसपा विधायक सर्वत करीम अंसारी के चुनाव को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनवाई जारी रखते हुए अगली सुनवाई 2 अगस्त की तय की है।
न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ से सर्वत करीम अंसारी की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि याचिका दायर करने के कोई कारण नहीं बनता है, इसलिए इसे निरस्त किया जाय। कहा कि जो आरोप लगाए गए हैं उससे सबंधित दस्तावेज पेश नहीं किए है।
जबकि याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि याचिका नियमों के तहत निर्धारित प्रारूप में दायर की गई है, इसलिए याचिका निरस्त करने का सवाल ही उतपन्न नही होता है।
मामले के अनुसार मंगलौर से कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर कर कहा है कि वर्तमान विधायक सर्वत करीम अंसारी ने विधानसभा 2022 के चुनाव में जो शपथपत्र पेश किये उसमें कई तथ्य छुपाने के साथ ही अपनी सम्पत्तियों का सही ब्यौरा पेश नहीं किया है।
उन्होंने शपथपत्र में अपनी और अपनी पत्नी की आय गलत दर्शायी है, इनकम टैक्स का सही विवरण नही दिया है, शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी गलत पेश किये हैं और अपनी सम्पति के गलत आंकड़े शपथपत्र में पेश किए हैं। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सर्वत करीम अंसारी ने सोशियल मीडिया पर झूठ फैलाकर लोगों को गुमराह किया है, इसलिए उनके चुनाव को निरस्त किया जाय।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती
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